kathal ka ped | कटहल पेड़ के बारे में पूरी जानकारी

kathal ka ped – हैल्लो दोस्तों आज हम इस पोस्ट में कटहल के पेड़ के बारे में कुछ ऐसी जानकारी जानने वाले हैं जिसका विवरण विकिपीडिया के पेज में भी नहीं है और साथ ही इसके कई फायदे, उपयोग, नुकसान और रोचक तथ्य के बारे में जानेंगे तो चलिए शुरू करते हैं

कटहल के पेड़ के बारे में जानकारी | kathal ka ped kaisa hota hai

दोस्तों यूं तो हम सभी कटहल के पेड़ देखे ही होंगे जो ज्यादातर सामान्य रूप से 12 से 16 मीटर की ऊंचाई तक होते हैं लेकिन आज एक ऐसे कटहल के पेड़ के बारे में जानने वाले हैं जो एक बरगद के पेड़ के मोटाई और लम्बाई के बराबर है जी हां दोस्तों हमारे गांव के पास में ही एक कटहल का पेड़ है जो कई सालों से अभी तक जिंदा है इसका आकार और लंबाई एकदम पुराने से पुराने बरगद के पेड़ के समान है जो दिखने में काफी भयानक और विशाल लगता है

हमारे गांव के कुछ बुजुर्गों के पूछने से यह पता चलता है कि यह कटहल का पेड़ लगभग 90 से 100 साल पुराना है जिसकी ऊंचाई करीब 80 से 90 फीट तक हैं इसका जड़ व तना काफी मोटे और तगड़े हैं जो दिखने में बिल्कुल बरगद के पुराने पेड़ जैसे लगता है इस पेड़ के कई गुप्त गुण है जिसके कारण इसे आज तक कभी काटा नहीं गया है अब आए जानते हैं kathal ka ped फल व पत्तों के बारे में सम्पूर्ण जानकारी

कटहल के फल और पत्तों की जानकारी

कटहल एक बारहमासी पौधा है जिसमें लगने वाला फल दुनिया के सबसे बड़ा फल हैं जिसे हम एक तरह से सब्जी भी कह सकते हैं क्योंकि जब यह कच्चा होता है तो इसका उपयोग सब्जी बनाने में की जाती है और ज़ब यह पक्क जाता है तो इसे फल के रूप में सेवन किया जाता है

कटहल को दुनिया का सबसे बड़ा फल इसलिए कहा जाता है क्योंकि इसका पूर्ण रूप से विकसित हुए फल दिखने में काफी बड़े होते हैं ज़िसका एक फल का वजन लगभग 20 किलोग्राम तक होता है

इस कटहल के बाहरी के पूरे हिस्से में कोमल कोमल कांटे लगे होते हैं जो पकने के बाद और भी कोमल और हल्के पीले रंग के हो जाते हैं

कटहल जब कच्चा और आकार में छोटा होता है तब इसे आम भाषा में मुच्ची के नाम से भी जाना जाता है जिसका प्रयोग मिर्ची, नमक, तेल, हल्दी, प्याज आदि डालकर नाश्ते के रूप में खाया जाता है जो खाने में काफी स्वादिष्ट और शरीर के लिए काफी हेल्थी होता है

और यही छोटे आकार का मुच्ची ही बड़ा होकर एक विशाल कटहल बनता है जो पकने के बाद दुनिया का सबसे बड़ा फल कहलाता है

कटहल के अंदर के हिस्सों की बात करें तो जब यह कच्चा होता है तो इसका कोआ काफी सख्त होता है कोआ उसे कहते हैं जिसके अंदर इसके बीज पाए जाते हैं जिसके पकने के पश्चात इसे खाया जाता है और इसके बीज का निकाल लिया जाता है इसके इस कच्चे कोआ को भी सब्जी बना कर खाया जाता है और थोड़े छोटे नाजुक कटहल को भी सब्जी बनाकर खाने में इस्तेमाल किया जाता है

और पक्के कटहल की बात करें तो पक्का हुआ कटहल का वजन काफी भारी होता है जिसे पेड़ से काफी आराम से और कई तरह के सहारो से नीचे उतारा जाता है क्योंकि यह अधिक वजन होने के कारण हाथों से फिसल सकता है और नीचे गिर सकता है जिससे कटहल का सारा कोआ भी खराब हो सकता है

इसके पक्के हुए कटहल को नीचे उतारकर काटकर पके हुए कोआ को बाहर निकाला जाता है तथा बाजार में बेचा और इसके अंदर पड़े बीज को निकालकर खाया जाता है जो खाने में काफी स्वादिष्ट और रसगुल्ले जैसा रसीला होता है

इसके हर एक कोआ मैं एक-एक बीज होता है जिसे निकालकर सब्जी बनाने, आग में पका कर खाने तथा पुनः पौधा उगाने के लिए उपयोग किया जाता है

और इसके पत्तों की बात करें तो इसके पत्ते दिखने में हल्के अंडाकार तथा हल्के गोल गाढ़े हरे रंग के 10 से 20 सेंटीमीटर लंबी और 8 से 10 सेंटीमीटर चौड़ी होती है और इन पत्तियों का उपयोग किसान अपने जानवरों जैसे बकरी, गाय, बकरा, बैल, भैंस आदि को खाने के लिए देते हैं और इन पत्तों को घरेलू पशु खाने में काफी ज्यादा पसंद करते हैं

कटहल के बीज की जानकारी

कटहल के बीज सफेद रंग में 3 से 4 इंच के गोल व लंबे होते हैं तथा यह केवल एक कटहल में लगभग 50 से 100 बीज पाए जाते हैं और यह बीज सख्त तो होते ही है
इसके अलावा इसके ऊपर एक सख्त परत भी बनी होती है जिसे सब्जी बनाने या आग में पकाने के पश्चात इसके सख्त छिलके को निकालकर खाते हैं और इस बीज के अंदर भी कई तरह के पोषक तत्व मौजूद होते हैं जो हमारे शरीर के लिए काफी लाभदायक होते हैं

कटहल का उपयोग और फायदे

1. कच्चे कटहल और इसके बीज का उपयोग सब्जी बनाकर खाने में किया जाता है

2. पक्के कटहल के बीज को भी निकालकर सब्जी बनाकर अथवा आग में पकाकर खाया जाता है

3. कटहल पकने के बाद इसके पक्के हुए कोआ को निकाल कर इसके अंदर से बीज अलग करके डायरेक्ट खाया जाता है जो खाने में काफी स्वादिष्ट लगता है

4. कटहल के केवल 100 ग्राम की मात्रा में लगभग 17% विटामिन सी पाया जाता है जो हमारे दिनचर्या में पड़ने वाली विटामिन सी की जरूरत को पूरा करता है

5. कटहल में मैग्नीशियम काफी प्रचुर मात्रा में पाया जाता है जो हमारे हड्डियों को मजबूत बनाने में काफी मदद करता है

6. अगर आपके शरीर में ऊर्जा की कमी रहती है तो आप इसका प्रयोग कर सकते हैं इससे आपका शरीर में ऊर्जा बनी रहेगी और इस खाने को आप अपने दिनचर्या के भोजन में शामिल कर सकते हैं

7. कटहल में फाइबर पाया जाता है जो पेट के पाचन तंत्र को मजबूत बनाता है और इससे कब्ज जैसी कई रोगों को दूर करने में सहायक मिलती है

8. इसमें गुलकोज भी होता है जो हमारी त्वचा को हाइड्रेट रखने का काम करती है तथा इसमें विटामिन सी और एंटीऑक्सीडेंट गुण होता है जो हमारे चेहरे के लिए कई तरह से फायदेमंद साबित होते हैं

कटहल खाने के नुकसान

वैसे तो कटहल खाने के कुछ खास नुकसान नहीं है लेकिन जैसे हर चीज को अत्यधिक मात्रा में सेवन करने से नुकसान होता है ठीक वैसे ही इस कटहल को अत्यधिक मात्रा में सेवन करने से आपको कुछ ना कुछ नुकसान हो सकता है तो आइए जानते हैं इसके कुछ नुकसान के बारे में

1. इसे अधिक मात्रा में सेवन करने से खाना ना पचना, जी मचलना, सर्दी जुकाम, खांसी आदि होने की संभावना हो सकती है

2. सर्दी-खांसी होने पर इसके पके हुए फल को बिल्कुल ना खाएं

3. गर्भवती महिलाएं भी इसे ना खाएं

कटहल का पौधा इसके बीज से कैसे लगाया जाता है

1. कटहल का पौधा है इसके बीज से लगाने के लिए सबसे पहले एक गमला तैयार करना होगा इसके नीचे छोटे-छोटे छिद्र बना होना चाहिए ताकि अच्छे यह पानी आसानी से निकल जाए

2. इसे लगाने के लिए सबसे पहले ताजे पक्के हुए कटहल से इसका बीज निकाल लाये क्योंकि अधिक दिन का रखा हुआ बीज खराब हो सकता है जिससे पौधे भी ना निकलने की संभावना हो सकती है

3. अब इसे लगाने के लिए मिट्टी की तैयारी करें मिट्टी के लिए आप इसे किसी भी तरह का सामान्य मिट्टी ले सकते हैं क्योंकि बता दें कि कटहल भारत के किसी भी तरह के सामान्य मिट्टी में आसानी से लग सकता है

4. इसे लगाने के लिए 80% सामान्य मिट्टी लें और 20% पुरानी गोबर की खाद लें और इन दोनों को मिक्स करके अपने गमले में भर दे

5. मिट्टी भरने के बाद इसके बीज को 2 से 3 इंच के अंदर बुवाई कर दे और ठीक इसी प्रकार कुछ-कुछ इंच की दूरी में 8 से 10 बीज लगा दे ताकि कुछ बीज खराब होने के बाद कुछ बीज से पौधे निकल आए

6. बीज लगाने के बाद इसमें हल्के मात्रा में पानी की सिंचाई कर दें और जहां कुछ घंटे की धूप आती है वहां रख दे

7. जब पानी सूखे तो बीच-बीच में समय-समय पर पानी की सिंचाई करते रहें

8. कटहल के इन बीजों से कुछ ही सप्ताह में पौधे निकलना शुरू हो जाते हैं जब यह पौधे पूरी तरह से निकल जाए तो फिर इसे दूसरे स्थानीय जमीन पर लगा दें क्योंकि यह पौधे आगे चलकर बहुत बड़ा हो सकते हैं

9. और इन बीजों से तैयार पौधे में लगभग 7 से 8 सालों के अंदर फल लगना शुरू हो जाते हैं

लगाए गए कटहल के पौधे के बीज का देखभाल कैसे करें

1. पानी सूखने के पश्चात हल्के हल्के मात्रा में समय-समय पर पानी की सिंचाई करते रहें

2. इसके जड़ों को छेड़छाड़ ना करें

3. इसमें अधिक पानी ना भरें वरना यह सड़ भी सकता है

4. इसे किसी भी पंछी या जानवर से बचा कर रखें ताकि आपके बीज को कोई इधर से उधर कोई ना कर दे

5. कटहल के इन बीजों को लगाने के लिए सबसे अच्छा समय जून से अगस्त के बीज में रहता है क्योंकि इन दिनों में ताजे पक्के कटहल के बीज आसानी से मिल जाते हैं

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