तुलसी और बेसिल के पौधे की सम्पूर्ण जानकारी-Holy basil and italian basil in Hindi

About Basil in Hindi:- तो दोस्तों आज हम लोग बात करने वाले हैं {Basil leaves in Hindi} बेसिल के पौधे के बारे में की बेसिल का पौधा क्या होता है और साथ ही बेसिल का पौधा और तुलसी का पौधा में क्या अंतर है तथा दोनों के उपयोग फायदे और नुकसान के बारे में जानेंगे{meaning of basil in Hindi}

What is basil plant in Hindi | बेसिल का पौधा क्या है

What is basil plant in Hindi

बेसिल का पौधा तुलसी के पौधे की तरह ही होता है लेकिन इसकी पत्तियां तुलसी के पौधे से थोड़ी बड़ी और गाढ़े हरे रंग की होती है और तुलसी के पौधे को holy basil कहते हैं लेकिन इस पौधे को Italian basil और Sweet basil कहते हैं

seeds of italian Basil in Hindi | बेसिल के बीज

Italian Basil जिसे स्वीट बेसिल और हिंदी में सब्जा भी बोला जाता है इसके बीज तुलसी के बीज से थोड़े बड़े होते हैं और इसकी तासीर ठंडी होती है जो हमारे बॉडी के हिट को रिड्यूस करती है और हमारे दिमाग को शांत रखती है

तुलसी और बेसिल के पौधे मे अंतर-Diffrent between Holy basil and italian Basil in Hindi

Different between Holy Basil and Italian Basil plant in Hindi 

 Holy Basil in Hindi | तुलसी

1. तुलसी एक औषधीय पौधा है (Holy Basil in Hindi) जिसकी पत्तियां 1 से 2 इंच लंबी हल्के हरे रंग की सुगंधित अंडाकार और आयताकार होती है ज़िसका उपयोग कई सारे बीमारियों को ठीक करने के लिए किया जाता है साथ ही इसे हिंदू धर्म में काफी पवित्र माना जाता है जिसके कारण इसे आंगन में लगाया और पूजा जाता है

2. तुलसी के पौधे को कई नामों (Meaning of Holy basil in Hindi) से जाना जाता है जैसे कि सुलभा, ग्राम्या, पुरसा, बहुमंजरी और holy Basil आदि

3. तुलसी के पत्तियों का स्वाद शार्प और तेज होता है

4. तुलसी का पौधा काफी अधिक तापमान सहन कर सकती है

5. तुलसी का वैज्ञानिक नाम Ocimum tenuiflorum हैं

 Italian Basil in Hindi | बेसिल

1. बेसिल का पौधा (Italian Basil in Hindi) तुलसी के पौधा जैसा ही दिखने वाला एक पौधा होता है जिसकी पत्तियां तुलसी के पौधे से थोड़ी बड़ी और गाढ़े हरे रंग की होती है और इसका भी उपयोग कई सारे रोगों को ठीक करने के लिए किया जाता है

2. बेसिल के पौधे को कई नामों (Meaning of italian basil in Hindi) से जाना जाता है जैसे कि italian basil और sweet basil आदि

3. बेसिल के पत्तियों का स्वाद हल्का मीठा होता है

4. और वही बेसिल का पौधा अधिक तापमान सहन नहीं कर पाती हैं जिसके कारण 45°c में ही मुरझाने लगती हैं

5. बेसील का वैज्ञानिक नाम Ocimum basilicum हैं

Nutrition of Italian Basil in Hindi | बेसिल में पाए जाने वाले पोषक तत्व

विटामिन A, विटामिन k, कैरोटीन, कॉपर, आयरन, कैल्शियम, मैग्नीशियम, मैग्नीज, पोटेशियम और कई एंटीएक्सीडेंट इत्यादि होते हैं

बेसिल के पत्तों के फायदे | Benefits of Basil in Hindi

बेसिल के पत्तों (Basil leaf in Hindi) में ऐसे कई सारे पोषक तत्व मौजूद होते हैं जिसका उपयोग करके कई सारे फायदे उठा सकते हैं और इसमें कुछ ऐसे गुण मौजूद होते हैं जिससे कई रोगों को ठीक भी किया जा सकता है इसमें एंटीसेप्टिक गुण मौजूद होते हैं जिससे शरीर में लगी चोट में इसके पत्तों (Basil leaves in Hindi) को पीसकर लगाने से जख्म को ठीक किया जा सकता है साथ ही अगर मुंह में छाले पड़े हैं तो इसके कुछ पत्तों को चबाने से मुंह के छाले भी ठीक हो जाते हैं सब्जा और बेसिल एक ही पौधे को कहते हैं और अगर आपको इस पौधे की और भी अधिक फायदा उठाना चाहते हैं तो इसके बीजों (Basil seeds in Hindi) का उपयोग कर सकते हैं

1. लंबे समय तक जमा रहने के लिए – इस italian Basil में पाये जाने वाले एंटीऑक्सीडेंट हमारे (डीएनए) DNA और सेल Cell को प्रोटेक्ट करती है जिसके वजह से हमारे उम्र बढ़ने की process slow हो जाती है और जिसके कारण है कि लंबे समय तक जवान रहा जा सकता है

2. Stress और depression से छुटकारा पाने के लिए – बेसिल के पत्तों में anti-stress एलिमेंट्स पाए जाते हैं जिसको चबाने से Mind और Body को depression तथा stress से बचा सकते हैं

3. हमारे आंखों के लिए – Italian Basil मैं विटामिन ए पाया जाता है जो हमारी आंखों की रोशनी को बढ़ाने में काफी मदद करता हैं

4. हमारे हड्डियों के लिए – Italian Basil मैं विटामिन K होता है जो हमारे शरीर के हड्डियों को मजबूत बनाता है

5. शरीर में लगी चोट के लिए – बेसिल के पत्तों (Basil leaves in Hindi) में एंटीसेप्टिक गुण होते हैं जिसके कारण इसके पेस्ट को चोट में लगाने से काफी लाभ मिलता है

6. पेट में दर्द, गैस और कब्ज दूर करने के लिए – अगर किसी व्यक्ति को पेट में कीड़े, गैस, कब्ज, और पाइल्स की समस्या है तो वह Italian Basil के कुछ पत्तों (Basil leaves in Hindi) को चबाकर खा सकता है जो इन समस्याओं से काफी लाभ पहुंचाता है

7. Fever दूर करने के लिए – यदि किसी व्यक्ति को fever की समस्या है तो इसमें भी है यह फायदा पहुंचा सकता है इसके लिए बेसिल के पत्तों (Basil leaves in Hindi) और कुछ तुलसी के पत्तों (Holy basil leaves in Hindi) का काढ़ा बनाकर इसका प्रयोग कर सकते हैं

8. त्वचा के लिए – बेसिल हमारी त्वचा के लिए काफी फायदेमंद होता है इसका बीज एग्जिमा और सोरायसिस जैसे रोग को ठीक करता है इसके लिए इसके बीज को पीसकर पाउडर बना कर, दो चम्मच नारियल तेल में पकाकर ठंडा होने के बाद त्वचा के प्रभावित हिस्से में लगाने से काफी लाभ मिलता है

9. बालो के लिए – इसके बीज में प्रोटीन तथा आयरन भरपूर मात्रा में पाये जाते हैं. जिसे खाने से बाल लम्बे-घने, मजबूत, चमकदार, होते और तेजी से बढ़ते हैं.

10. वजन कम करने के लिए – अगर किसी व्यक्ति को अपना वजन कम करना है तो वह इसके बीज को दो चम्मच की मात्रा में लेकर 200ml पानी में भिगो दें और इसका सेवन करें इससे आपको अपना वजन कम करने में काफी मदद मिलेगी

इटालियन बेसिल के नुकसान | side effects of Italian Basil in Hindi

छोटे बच्चे और गर्भवती महिलाओं इसके बीज का सेवन कदापि ना करें इससे आपको कई सारे नुकसान हो सकते हैं

How many types of basil (Tulsi) in Hindi | तुलसी के कितने प्रकार होते हैं

हमारे पृथ्वी में तुलसी (Tulsi in Hindi) कई तरह के पाए जाते हैं जो अलग-अलग क्षेत्रों में अलग-अलग तरह के तुलसी पाए जाते हैं जिन्हें दो भागों में बांटा गया है जो निम्न हैं

  1.  Sweet Basil / ocimum basilcum (ओसिमम बेसिलिकम)
  2. Holy Basil / osimum sanctum (ओसिमम सैंक्टम)

1. Sweet Basil / ocimum basilcum (ओसिमम बेसिलिकम)

इसके अंतर्गत कई किस्में आते हैं जिनका उपयोग मुख्य रूप से खाना पकाने में किया जाता है Sweet basil यानी ओसिमम बेसिलिकम की कई किस्मे हैं जिन्हें मेडिटेरेनियन बेसिल भी कहते हैं जो निम्नलिखित हैं

  1. Sweet Basil (स्वीट बेसिल)
  2. Thai basil (थाई बेसिल)
  3. Purple basil (बैंगनी बेसिल)
  4. Lemon basil (लेमन बेसिल)
  5. ये सब के अलावा American Basil (अमेरिकन बेसिल), Summer long basil (समर लॉन्ग बेसिल) आदि कई होते हैं

1. Sweet Basil in Hindi (स्वीट बेसिल)

इसके बारे में ऊपर विस्तार से बताया गया है जिसे आप पहले ही पढ़ चुके हैं

2. Thai basil in Hindi (थाई बेसिल)

थाई बेसिल (ocimum basilcum) का ही एक किस्म हैं जिसे पूरे दक्षिण पूर्व एशिया में व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है जो वियतनामी व्यंजनों में एक प्रमुख भूमिका निभाता है

थाई बेसिल (Thai basil in Hindi) को chineang vorng, anise basil और Licorice Basil आदि नामो से भी जाना जाता हैं इसमें सौंफ-नद्यपान का स्वाद होता हैं और इसका आमतौर पर थाई और दक्षिण पूर्व एशियाई व्यंजनों में उपयोग किया जाता है

थाई बेसिल का पौधा sweet basil की तरह ही एक बारहमासी पौधा होता हैं जिसकी लम्बाई करीब 12 से 18 इंच की होती हैं थाई बेसिल में छोटे, संकरे पत्ते होते हैं जो काफी सुगंधित होते हैं इसके तने रंग में बैंगनी और फूल गुलाबी- बैंगनी रंग के खिलते हैं

3. Purple basil in Hindi (बैंगनी बेसिल)

बैंगनी बेसिल (ओसिमम बेसिलिकम) यानी मीठी तुलसी का ही एक किस्म हैं जिसमे गहरे बैंगनी रंग के पत्ते होते हैं जिसका इस्तेमाल खाना पकाने में किया जाता है

अन्य बेसिल की तरह ही यह भी अमेरिका और एशिया के उष्णकटिबंधीय क्षेत्र में पाया जाता है जहां सदियों से इसकी खेती की जाती हैं बैंगनी बेसिल की भी कई किस्में होती है जिनमें कुछ पौधे के पत्तों का रंग लाल हरा या गहरे लाल आदि भी होते हैं

बैंगनी बेसिल (Purple basil in Hindi) की पत्तियां लाल-बैंगनी रंग पौधे की कोशिकाओं में गहरे नीले रंग के पिगमेंट्स यानी एंथोसाय निन की उच्च सामग्री के कारण होता है

4. Lemon basil in Hindi (लेमन बेसिल)

लेमन बेसिल एक सुगंधित और सजावटी पौधा है जिसकी लंबाई करीब 36 इंच यानी 3 फिट तक होती है और 24 इंच तक इसका फैलाव रहता है जिसका उपयोग मुख्य रूप से खाना पकाने में किया जाता है

इसकी पत्तियां (Lemon basil Leaves in Hindi) तुलसी के पत्तों (Holy basil Leaves in Hindi) के समान होती है लेकिन थोड़े दाँतेदार किनारों के साथ संकरी होती है इसमें सफेद रंग के फूल लगते हैं जो लगने के बाद इसमें बीज बनते हैं और वही पर सुख जाते हैं

लेमन बेसिल (Lemon basil in Hindi) अरबी , इंडोनेशियाई , फिलीपींस, लाओ , मलय , फारसी और थाई व्यंजनों में एक लोकप्रिय जड़ी बूटी है जो एक नींबू का स्वाद देती है

लेमन बेसिल एकमात्र ऐसी बेसिल है जो इंडोनेशियाई व्यंजनों में काफी ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है वहां के लोग इसे केमांसी के नाम से भी जानते हैं और इसे अक्सर वहां कच्चा सब्जियां या सलाद के साथ खाते हैं

इंडोनेशियाई व्यंजनों जैसे – जैसे करी, सूप, स्टू और उबले हुए या ग्रिल्ड आदि व्यंजन बनाने में काफी ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है यह एक उष्णकटिबंधीय पौधा है जिसे दिन में कम से कम 6 घंटे धूप की जरूरत पड़ती है इसे होरी बेसिल, थाई लेमन बेसिल, लाव बेसिल आदि कई नामों से भी जाना जाता है

2. Holy Basil / osimum sanctum (ओसिमम सैंक्टम)

इसमें विटामिन (Vitamin) और खनिज प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं। सभी रोगों को दूर करने और शारीरिक शक्ति बढ़ाने वाले गुणों से भरपूर इस औषधीय पौधे को प्रत्यक्ष देवी कहा गया है क्योंकि इससे ज्यादा उपयोगी औषधि मनुष्य जाति के लिए दूसरी कोई नहीं है। तुलसी के धार्मिक-महत्व के कारण हर-घर आगंन में इसके पौधे लगाए जाते हैं। तुलसी (Holy Basil in Hindi) की कई प्रजातियां जो निम्नलिखित हैं

  1.  Rama tulsi (राम तुलसी)
  2.  Krishna tulsi (कृष्णा तुलसी)
  3. Amrita tulsi (अमृता तुलसी)
  4. Vana tulsi (वाना तुलसी)

1. श्री तुलसी | राम तुलसी

यह राम तुलसी, श्री तुलसी के अलावा लक्ष्मी तुलसी के नाम से भी जाना जाता है या इसे हरी पत्ती तुलसी भी कहते हैं यह भारत, ब्राजील, नेपाल और चीन का मूल निवासी है राम तुलसी के हर हिस्से से तेज सुगंध निकलती है इसका उपयोग खासतौर से त्वचा संक्रमण, गैस, अपच आदि रोगों को दूर करने के लिए किया जाता है

2. कृष्ण तुलसी | श्यामा तुलसी

यह कृष्ण तुलसी, श्यामा तुलसी और बैंगनी तुलसी के नाम से भी जाना जाता है इसकी शुरुआती पत्तियां हरे रंग की होती हैं जो उम्र बढ़ने के साथ-साथ बैंगनी रंग में परिवर्तित हो जाती है तथा इसका स्वाद चटपटा और तीखा होता है इस पौधे का उपयोग, कान दर्द, श्वसन प्रणाली, नाक के घाव, गले के संक्रमण आदि कई त्वचा रोगों में इलाज के लिए उपयोग किया जाता है

3. वाना तुलसी

वाना तुलसी यह भारत, श्रीलंका और अफ्रीका के उत्तरी और पूर्वी क्षेत्र का मूल निवासी है इसमें तेज हरे बालों वाली पत्तियां तेज लौंग जैसी गंध और मसालेदार मीठे स्वाद के साथ होती है जो 2 मीटर की ऊंचाई तक बढ़ सकती है और इसके नियमित सेवन से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है

यह तुलसी की सभी किस्मे सामान्य तुलसी (Holy Basil in Hindi) के अंतर्गत आते हैं जो काफी लोकप्रिय हैं तो आइए अब जानते हैं Holy basil in Hindi यानी सामान्य तुलसी से होने वाली अन्य फायदों और नुकसान के बारे में

Information of Holy Basil in Hindi | तुलसी की जानकारी 

तुलसी का वानस्पतिक नाम Ocimum sanctum (ओसीमम् सेंक्टम्) और कुल का नाम Lamiaceae (लैमिएसी) है। इसे अन्य भाषाओं में

Name of Tulsi | Name of Holy basil in Hindi

हिंदी – तुलसी और वृंदा
संस्कृत – तुलसी, सुरसा और देवदुन्दुभि
मराठी – तुलस
अरबी – दोहश
तेलुगू – गग्गेर चेट्टु

तुलसी के फायदे | Benefits of Holy Basil in Hindi

तुलसी को जीवन के लिए अमृत माना गया है तुलसी में औषधीय पाक और अध्यात्मिक गुण होते हैं जिसके कारण इसे अन्य जड़ी बूटियों से श्रेष्ठ माना गया है तुलसी का अधिकतर उपयोग इसके पत्ते (Holy basil leaves in Hindi) का ही होता है क्योंकि उपयोग की दृष्टि से इसकी पत्तियां ही अधिक गुणकारी होती है तो आए जानते तुलसी के फायदे के बारे में

1. सिर दर्द के लिए – अगर आप अधिक काम करते हैं और काम के टेंशन के चलती आपका सिर दर्द हमेशा बना रहता है तो आप तुलसी के तेल की दो बूंदे अपने नाक में डाल सकते हैं इससे आपका सिर दर्द और सिर से जुड़े कई रोगों से काफी आराम दिलाएगा

2. खांसी के लिए – अगर आपको खांसी की समस्या हुई है तो आप इसके लिए आज तुलसी के पत्त्ते और 5 लोंग को एक कप पानी में डालकर उबालें और 10 मिनट बाद ठंडा होने दें और हल्का ठंडा होने के बाद इसे पी ले

3. सर्दी और जुकाम के लिए – अक्सर ठंड के मौसम में हर किसी को सर्दी व जुकाम हो जाती है जिसके वजह से लोग काफी परेशान रहते हैं लेकिन आपके आसपास तुलसी का पौधा (Holy basil Hindi) है तो आप अपने सर्दी जुकाम को ठीक कर सकते हैं इसके लिए 10 तुलसी के पत्ते (Holy basil leaves in Hindi) और चार लोंग डालकर एक गिलास पानी में उबालें और उबालने के पश्चात जब आधा कप पानी रह जाए तो इसे हल्का ठंडा होने दें फिर थोड़ा सा सेंधा नमक में डालकर हल्का गर्म गर्म चाय की तरह ही पी ले इससे आपके सर्दी जुकाम की समस्या दूर हो जाएगी

4. मुंह के स्वास्थ्य के लिए – तुलसी (Holy basil in Hindi) में एंटीबैक्टीरियल गुण मौजूद होते हैं जिसके कारण मुंह के बदबू, पायरिया और मसूड़ों से संबंधित कई रोगों को ठीक करने में काफी मदद करती है

5. प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए – अगर आप हमेशा बीमार पड़ते रहते हैं और हमेशा सर्दी खांसी होती रहती है इसके लिए आप तुलसी के कुछ पत्तियों (Holy basil leaves in Hindi) को पानी से धो कर चबाएं और ऊपर से गुनगुना पानी पी ले इसके उपयोग के बाद 1 घंटे तक कुछ ना खाएं अगर आप ऐसा कुछ महीनों तक लगातार करेंगे तो इससे आपकी प्रतिरोधक क्षमता जरूर बढ़ जाएगी जिससे आप तुरंत तुरंत बीमार होने से बचे रहेंगे

6. सिर के जूँ से छुटकारा पाने के लिए – अगर किसी व्यक्ति के सिर में जुएं हो गये हैं और कई दिनों से यह समस्या ठीक नहीं हो रही है तो बता दे कि बालों में तुलसी का तेल (Holy Basil oil in Hindi) लगा सकते हैं । तुलसी के पौधे से तुलसी की पत्तियां लेकर उससे तेल बनाकर बालों में लगाने से सिर के जूं और लीखें मर जाती हैं

7. त्वचा में निखार लाने के लिए – त्वचा में निखार लाने के लिए त्वचा में तुलसी के पत्तों (Holy Basil leaves in Hindi) को पेस्ट की तरह लगा सकते हैं या फिर इसे कच्चा भी खा सकते है इसके पत्ते रक्त की अशुद्धियो को दूर करती हैं तथा त्वचा के मुंहासे, संक्रमण और दाग को भी कम करती हैं

8. हृदय के स्वस्थ के लिए – बता दे कि तुलसी (Holy Basil in Hindi) में कार्डियोप्रोटेक्टिव गुण होते हैं। जो दिल को स्वस्थ रख कर , हृदय रोग को दूर रखने में सहायक होती हैं। वहीं, स्ट्रेस के कारण होने वाले हृदय रोग से बचाने में भी तुलसी सहायक हो सकती है

9. बुखार से ठीक करने के लिए – तुलसी के 7 से 8 पत्ते (Holy Basil leaves in Hindi) तथा 5 लौंग लेकर टुकड़े-टुकड़े करके एक गिलास पानी में पकाएं। जब पककर जब आधा शेष रह जाय, तब थोड़ा सा सेंधानमक डालकर गर्म-गर्म ही पी जाय। यह काढ़ा पीकर कुछ समय के लिए कम्बल या रजाई ओढ़कर सो जाये जब पसीना पूरी निकल जाये तो कम्बल या रजाई हटा ले । इससे बुखार तुरन्त उतर जाता है और इससे जुडी सर्दी, जुकाम व खांसी भी ठीक हो जाती है। इस काढ़े को दिन में दो बार दो तीन दिन तक ले सकते हैं |

10. मासिक धर्म की अनियमितता और कमजोरी दूर करने के लिए – मासिक धर्म की अनियमितता का कारण होता हैं शरीर में वात दोष के बढ़ जाना यानी वात दोष के बढ़ जाने से मासिक धर्म की अनियमितता हो जाती है जिसे दूर करने के लिए तुलसी के बीज (Holy Basil Seeds in Hindi) का प्रयोग कर सकते हैं क्योंकि तुलसी के बीज में वात को नियंत्रित करने का गुण मौजूद होता है इसलिए इसका प्रयोग मासिक धर्म की अनियमितता में किया जा सकता है इसके अलावा यह मासिक धर्म होने के दौरान जो कमजोरी महसूस होती है उसे भी यह दूर करने में काफी सहायक होती है

तुलसी का उपयोग | uses of Holy Basil in Hindi 

1. तुलसी के पत्तियों को धो कर रोज सुबह खाली को चबाया जा सकता है

2. तुलसी के ताजे पत्तों को काटकर सलाद में मिक्स कर करके भी खाया जा सकता हैं

3. जूस या मॉकटेल में भी तुलसी के कुछ पत्तों को डाल कर सेवन किया जा सकता हैं

4. तुलसी के पत्तों को हर्बल चाय के रूप में उपयोग किया जाता हैं

5. टमाटर की चटनी, फ्लेवर दही या मीट की ग्रेवी जैसे भोजन में सुगंध और स्वाद बढ़ाने के लिए आप उसमें तुलसी के पत्तों (Holy Basil leaves in Hindi) को काटकर डाल भी सकते हैं इसमें सुगंध और स्वाद तो बढ़ेंगे ही इसके अलावा कई जरुरी पोषक तत्व भी मिलेंगे

तुलसी के नुकसान | Side effects of Holy Basil in Hindi

वैसे तो हम सभी तुलसी का सेवन करते हैं लेकिन कुछ खास नुकसान आज तक देखा नहीं गया है लेकिन अगर आप तुलसी के फायदे के बारे में पढ़ चूके हैं तो आपको इसके कुछ नुकसान के बारे में जरूर जानना चाहिए

1. वैसे व्यक्ति जो मधुमेह की दवा खा रहे हैं वह तुलसी का सेवन ना करें क्योंकि इससे रक्त शर्करा का स्तर जरूरत से काफी अधिक कम हो सकता है

2. तुलसी को खाली पेट अधिक मात्र में सेवन ना करें क्योंकि इससे उल्टी और पेट दर्द की समस्या शुरू हो सकती है

तुलसी के अन्य नाम | Other Name of Holy basil in Hindi

हिंदू धर्म शास्त्रों के अनुसार तुलसी के नाम और अर्थ

1. वृंदा – सभी वनस्पति व वृक्षों की आधि देवी
2. तुलसी – अद्वितीय
3. वृन्दावनी – जिनका उद्भव व्रज में हुआ
4. विश्वपूजिता – समस्त जगत द्वारा पूजित
5. विश्व-पावनी – त्रिलोकी को पावन करने वाली
6. पुष्पसारा – हर पुष्प का सार
7. नंदिनी – ऋषि-मुनियों को आनंद देने वाली
8. कृष्ण जीवनी – श्रीकृष्ण की प्राण जीवनी

तुलसी की उत्पत्ति कैसे हुई?

तुलसी पूर्व जन्म में एक लड़की थी जिनका नाम था वृंदा जो एक राक्षस कुल में जन्म लि थी वृंदा बचपन से ही भगवान विष्णु के परम भक्त थी वृंदा बड़ी होने के बाद इनकी शादी जलंधर से करा दिया गया

एक बार देवताओं और दानवों में युद्ध हुआ तब वृंदा के पति जलंधर युद्ध पर जाने लगे तो वृंदा ने कहा स्वामी जब तक आप युद्ध में रहेंगे। तब तक मैं आपके जीत के लिए अनुष्ठान करूंगी। और जब तक आप युद्ध से वापस नहीं लौट जाते तब तक मैं अपना संकल्प नहीं छोडूंगी

यह कहते ही वृंदा के पति युद्ध के लिए चले जाते हैं और वृंदा व्रत का संकल्प लेकर पूजा में बैठ जाती है वृंदा के संकल्प में इतनी ताकत थी कि देवताओं को दानव राज जलंधर से युद्ध जीतना असंभव था।

जब सारे देवता युद्ध में हारने लगे तो सारे देवता मिलकर भगवान विष्णु के पास गए और भगवान विष्णु से प्रार्थना किए तब भगवान विष्णु वृंदा के पति जलंधर का रूप धारण कर वृंदा के पास चले गए वृंदा अपने पति को सामने देख अपना संकल्प छोड़ दी और पूजा से उठ गई और उनके चरण को स्पर्श की

वृंदा के संकल्प टूटते ही युद्ध में देवताओं ने जलंधर को परास्त कर उसका वध कर दिया। वध के बाद जलंधर का सर कट कर वृंदा के पास आकर गिरा। यह देख वृंदा सब समझ गई। कि उसके साथ छल हुआ है तभी वृंदा ने भगवान विष्णु को पत्थर बनने का श्राप दिया श्राप देते हैं भगवान विष्णु पत्थर के बन गए

यह देख तीनों लोकों में हाहाकार मच गया। तब माता लक्ष्मी की याचना पर वृंदा ने श्राप वापस ले लिए और फिर भगवान विष्णु श्राप से मुक्त हो गए। इसके बाद वृंदा अपने पति जलंधर के साथ सती हो गई वृंदा के सती राख से एक पौधा सृजन हुआ जिसे भगवान विष्णु ने तुलसी नाम दिया

और यह वरदान दिए कि मेरे साथ आपकी भी पूजा किया जाएगा और बिना तुलसी जी के में प्रसाद स्वीकार नहीं करूंगा तब से आज तक माता तुलसी जी का पूजा किया आता जा रहा है 

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What is Ragi in Hindi

FAQ | आमतौर पर पूछे जाने वाले सवाल

1. Basil in hindi meaning | तुलसी को हिंदी में क्या कहते हैं?

तुलसी को हिंदी में तुलसी, वृंदा आदि कई नामों से जाना जाता है

2. Sweet Basil In Hindi meaning |मीठी तुलसी को हिंदी में क्या कहते हैं?

Sweet Basil समान्य तुलसी की एक प्रजाति है जिसे हिंदी में मीठी तुलसी, सब्जा और स्थानीय भाषा में तुकमरिया आदि के नाम से जाना जाता है

3. तुलसी के पत्तों को भारत में क्या कहते हैं?

तुलसी को भारत में तुलसी ही कहते हैं लेकिन इसके कई प्रजातियां हैं जिन्हें राम तुलसी, श्यामा तुलसी, वाना तुलसी आदि के नामों से भी जाना जाता है

4. घर में कौन सी तुलसी लगानी चाहिए?

वैसे तो श्यामा तुलसी के पौधे घर पर लगाना और पूजा करना अधिक शुभ माना गया हैं लेकिन राम और श्यामा तुलसी दोनों को ही वास्तु शास्त्र के अनुसार काफी शुभ माना जाता है आप चाहे तो इन दोनों में से किसी एक तुलसी का पौधा घर पर लगा सकते हैं

5. तुलसी को अंग्रेजी में क्या कहते हैं?

तुलसी को अंग्रेजी में Basil कहते हैं

6. Basil pronunciation in hindi

Basil – बैज़ल

7. तुलसी का असली नाम क्या है?

तुलसी माता के कथा के अनुसार तुलसी का असली नाम वृंदा था जिनका जन्म राक्षस कुल में हुआ था वृंदा राक्षस कुल में जन्म लेने के बाद भी भगवान विष्णु की परम भक्त थी

8. तुलसी पिछले जन्म में कौन थी?

तुलसी (पौधा) पिछले जन्म में एक लड़की थी जिसका नाम वृंदा था जिनका जन्म राक्षस कुल में हुआ था जो बचपन से ही भगवान विष्णु के परम भक्त थी

9. तुलसी और सब्जा में क्या अंतर हैं?

1. तुलसी की पत्तियां 1 से 2 इंच लंबी हल्के हरे रंग की सुगंधित अंडाकार व आयताकार होती है
2. तुलसी के पत्तियों का स्वाद शार्प और तेज होता है
3. तुलसी का पौधा काफी अधिक तापमान सहन कर सकती है
जबकि सब्जा जिसे स्वीट बेसिल (मिठी तुलसी) कहा जाता हैं यह तुलसी के पौधा जैसा ही दिखने वाला एक पौधा होता है लेकिन इसकी
1. पत्तियां तुलसी के पौधे से थोड़ी बड़ी और अधिक गाढ़े हरे रंग की होती है
2. बेसिल के पत्तियों का स्वाद हल्का मीठा होता है
3. सब्जा का पौधा 45°c में ही मुरझाने लगता हैं
तुलसी और सब्जा के अंतर के बारे में अधिक जानकारी जानने के लिए ऊपर पोस्ट में पढ़ सकते हैं

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