Magnolia flower in Hindi – magnolia flower यह एक बड़े पेड़ों वाला फूल है जिसे हिंदी में चंपा फूल भी कहा जाता है इस फूल को सुंदरता का प्रतीक माना जाता है जो दक्षिण अमेरिका का मूल निवासी है
जहां इस फूल को दुल्हन की सुंदरता और उसके बड़प्पन के लिए भी जाना जाता है तथा इसके सफेद रंग वाले फूलों का गुलदस्ता बनाकर दुल्हन के हाथो में दिया जाता है तो आइए जानते हैं ऐसे ही इस फूल के बारे में और भी कई रोचक जानकारी
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चंपा फूल की जानकारी | information about magnolia flower in Hindi
चंपा के फूल दिखने में काफी खूबसूरत और आकर्षक होते हैं जो काफी सुगंधित भी होते हैं यह फूल बसंत के ऋतु में खिलते हैं इन फूलों में 7 से 10 पंखुड़ियां होती है जो सफेद, गुलाबी, बैंगनी, पीले आदि कई रंगों में पाए जाते हैं
जब यह फूल पेड़ पर एक साथ खिलते हैं तो देखने में ऐसा लगता है जैसे मानो कई गुलाबी रंग पंछी एक साथ बैठे हुए हैं जो एक अद्भुत नजारा देती है
चंपा एक ऐसा मात्र फूल है जो पत्तों के निकलने से पहले ही खिलने लगते हैं जो कुछ दिनों तक ही खिले रहते हैं लेकिन इसमें फूल तब तक लगते रहते हैं जब तक कि यह पेड़ जीवित रहता है
इस फूल की 250 से भी अधिक प्रजातियां होती है जिनमें इसके प्रजाति के अनुसार इसमें खिलने वाले फूल प्रजाति के अनुसार अलग-अलग रंगों में खिलते हैं
चंपा के पेड़, फल, बीज, और पत्तों की जानकारी
चंपा का पेड़ एक झाड़ीदार होता है जिसका ऊंचाई करीब 60-70 फीट तक होता है और इसका फैलाव करीब 50 फीट तक होता है इसके तने बेलनाकार गहरे या भूरे रंग के होते हैं
magnolia यानी चंपा का पेड़ काफी धीरे-धीरे बढ़ता है जो पूरी तरह बढ़ने में करीब 10 से 12 साल का समय लगा देता है और इस पेड़ का जीवनकाल करीब 100 साल से भी अधिक समय तक होता है और यह पेड़ जब तक जीवित रहता है तब तक इसमें फूल आते हैं
इसके पत्ते सीधे 10 से 30 सेंटीमीटर लंबे 4 से 10 सेंटीमीटर चौडे नुकीले वा चिकने होते हैं इसमें लगने वाले फूल बहुत ही खूबसूरत व सुगंधित होते हैं और इसके फल अंडाकार या नुकीले अंडाकार होते हैं जो 7 से 10 सेंटीमीटर लंबे होते हैं
इसके बीज गोलाकार वा चमकीले होते हैं जो पकने के बाद गहरे लाल या गुलाबी वर्ण के हो जाते हैं इस पेड़ में लगने वाले फूल अप्रैल से सितंबर महीने तक होते हैं और फल दिसंबर से फरवरी महीने तक रहते हैं
मैगनोलिया फूल के रंगों का मतलब
इस फूल को 17 वीं शताब्दी के फ्रांसीसी वनस्पतिशास्त्री पियरे मैग्नोल के सम्मान में मैगनोलिया नाम रखा गया था जहाँ इन सभी फूलों के रंगों के कुछ अलग अलग अर्थ होता है तो आइए जानते हैं इसके बारे में
1. लाल मैगनोलिया फूल – यह फूल देखने में काफी खूबसूरत और आकर्षित होते हैं जिसे प्यार रोमांस और जुनून का प्रतीक माना जाता है जो एक मजबूत रिश्ता को दर्शाता है
2. सफेद मैगनोलिया फूल – इसके सफेद रंग वाले फूलों को आध्यात्मिकता, पवित्रता और मासूमियत का प्रतीक माना जाता है और इन फूलों का गुलदस्ता उन लोगों को बांट दिया जाता है जिनसे आप प्यार करते हैं या फिर जिन्हे आप दया का संदेश देना चाहते हैं
3. बैंगनी मैगनोलिया फूल – इस रंग के फूल को भावना या वफादारी का प्रतीक माना जाता है जिसे किसी को भी उपहार के रूप में दिया जा सकता है
4. पीला मैगनोलिया फूल – यह फूल खुशी और दोस्ती का प्रतीक माना जाता है जिन फूलों का गुलदस्ता आप किसी भी दोस्त को भेंट कर सकते हैं
5. गुलाबी मैगनोलिया फूल – इस गुलाबी मैगनोलिया का फूल पेड़ पर ऐसे प्रतीत होते हैं जैसे मानो कोई चिड़िया पेड़ पर बैठा हो जो दिखने में काफी खूबसूरत लगता है और इस गुलाबी रंग के फूल प्यार और स्त्रीत्व का प्रतीक माना जाता है
चंपा के फूल का उपयोग व फायदे | uses and benefits of magnolia flower in Hindi
1. चंपा के पेड़ की छाल, जड़ की छाल, फल की छाल, फूल, जड़ और पत्तों को औषधि के रूप में इस्तेमाल किया जाता है
2. चंपा की छाल का काढ़ा बनाकर उसमें मिश्री मिलाकर बुखार ठीक करने के लिए उपयोग किया जाता है
3. चंपा के फूलों को पीसकर इसमें नींबू का एक से दो बूंद रस मिलाकर चेहरे पर लगाने से झाइयां दूर होती है
4. चंपा के फूलों को पीसकर फटे हुए एड़ी पर लगाने से फटी हुई एड़ी ठीक होती है
5. गठिया रोग को दूर करने के लिए चंपा के पत्तों और इसका तेल का इस्तेमाल किया जाता है
6. चंपा के जड़ की छाल को पीसकर घाव या सूजन पर लगाने से घाव जल्दी भर जाते हैं
7. सिर के दर्द में चंपा का तेल से मालिश करने पर काफी आराम मिलता है
8. इसका तेल का पेट पर मालिश करने पर पेट का गैस या पेट फूलने की समस्या दूर होती हैं
चंपा कहां पाया जाता है
चंपा का वृक्ष एशिया में थाईलैंड, प्रायद्वीप मलेशिया, भूटान, नेपाल, बांग्लादेश, दक्षिण पश्चिम चीन, इण्डोचीन,सुमात्रा, म्यान्मार, जावा और भारत पूर्वी हिमालय में पाया जाता है
चंपा का पौधा गमले में कैसे उगाएं
चंदा का पौधा गमले में लगाना काफी आसान है ऐसे कमरे में लगाने के लिए इसके कटिंग का इस्तेमाल कर सकते हैं सके कटिंग को लेने के लिए आप सर्दी के छोड़कर किसी भी मौसम में ले सकते हैं तो आइए अब जानते हैं
चंपा का पौधा कटिंग से कैसे उगाए
1. चंपा का पौधा उगाने के लिए सबसे पहले किसी भी बड़े चंपा के पेड़ से इसका कटिंग निकाल कर ले आए ध्यान रखें कि इसमें सफेद रंग का दूध निकलता है जो काफी नुकसानदायक होता है जिसे आप अपने हाथ पैरो में ना लगने दें और इसका कटिंग काफी सवधानी से ही निकाले
2. कटिंग निकालने के बाद इसे 10 से 4 दिनों के लिए किसी सुरक्षित स्थान पर छाया में सूखने देने के लिए छोड़े हैं ताकि इसका सारा दूध सुख जाए
3. इस तरह से आप जितना चाहे उतना कटिंग सावधानीपूर्वक निकाल सकते हैं
4. अब इसके मिट्टी के लिए 80% बगीचे की सधारण मिट्टी और 20% वर्मीकंपोस्ट मिलाकर एक बड़े गमले में भर दे
5. अब पौधे को 3 से 4 दिन सूखने के बाद जब दूध अच्छे से सूख जाए तब इसके निचले हिस्से को पानी में भिगोकर एंटीफंगल पाउडर लगा दें
6. अब इस पौधे को गमले के 4 से 5 इंच गहराई में अच्छे से दबाकर लगा दे
7. अब उसमें पानी का छिड़काव कर दें ध्यान रखें अधिक पानी ना दें वरना पौधा गल सकता है क्योंकि इन पौधों को काफी कम पानी की आवश्यकता होती है
8. 1 से 2 महीने बाद आपके पौधे में अच्छे से पत्ते निकल आएंगे
9. पत्ते निकलने के बाद इसे डायरेक्ट दुख में रख सकते हैं
10. जब पौधे अधिक बड़े हो जाए तब इससे बड़े गमले या फिर भूमि पर भी ट्रांसप्लांट कर सकते हैं
चम्पा के पौधे की देखभाल
1. पौधे को अधिक छेड़छाड़ ना करें
2. जब मिट्टी सूखे तो समय-समय पर पानी देते रहे लेकिन अत्यधिक मात्रा में पानी ना भरे
3. शुरुआत में इन पौधों को सुबह की 4 से 5 घंटे की धूप ही लगाए जब यह पौधे में अच्छे से पत्ते निकल आए तभी आप इसे डायरेक्ट धूप में निकालें
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