Meaning of piles in Hindi | पाइल्स के लक्षण, कारण और उपचार

Meaning of piles in Hindi – यदि आपको पाइल्स की समस्या है या पाइल्स के बारे में पूरी जानकारी पाना चाहते हैं तो इसे पूरा जरूर पढ़ें इसमें हम पाइल्स के बारे में पूरी जानकारी देने वाले हैं तो आइए जानते हैं Piles meaning in Hindi

Meaning of piles in Hindi | पाइल्स का हिंदी अर्थ

Piles जिसे हिंदी में बवासीर कहते हैं यह एक भयानक रोग होता है इस रोग में गुदाद्वार में मस्से निकल आते हैं जो मल त्याग के समय रक्तस्राव के साथ बाहर आते हैं जिससे काफी असहनीय दर्द होता है

यह रोग पहले उम्रदराज लोगों को होता था लेकिन आजकल के इस जंक फूड वाले भोजन को बच्चों और युवकों द्वारा काफी खाया जाता है जो काफी तेजी से कब्ज पैदा करती है जिसके कारण यह रोग बुजुर्गों के अलावा आजकल के बच्चों और युवकों में भी देखा जा रहा है

बवासीर को इंग्लिश में piles और Hemorrhoids भी कहते हैं यह रोग दो प्रकार की होती है

1. खूनी बवासीर 2. बादी बवासीर

1. खूनी बवासीर

खूनी बवासीर होने पर इसमें किसी भी तरह तकलीफ नहीं होती है बल्कि इसमें केवल गुदाद्वार से रक्त निकलता है इसमें गुदाद्वार के अंदर मस्से निकल आते हैं जिससे मल त्यागते समय खून निकलता है पहले टप टप कर फिर पिचकारी की तरह निकलने लगता है

इस बवासीर में मल त्यागने के बाद मस्से अपने आप अंदर चले जाते हैं लेकिन अधिक पुराना खूनी बवासीर होने पर मस्से अपने आप नहीं जाते हैं हाथों से दबाना पड़ता है तब अंदर जाते हैं और यही बवासीर गंभीर अवस्था में होने पर दबाने के बावजूद भी मस्से अंदर नहीं जाते हैं जिसमें तुरंत उपचार की आवश्यकता होती है

2. बादी बवासीर

बादी बवासीर होने पर इसमें पेट की समस्या जैसे गैस, कब्ज आदि की समस्या बनी रहती है और इस बवासीर के मस्से से रक्तस्राव नहीं होता है बादी बवासीर में काफी ज्यादा दर्द होती है जो असहनीय दर्द होती है इसमें मल त्याग के समय दर्द गुदा के आसपास सूजन, खुजली और लालपन होती है इसके अलावा इसमें बार-बार मल त्यागने की इच्छा भी होती है

बवासीर के लक्षण

बवासीर की समस्या अधिक गंभीर ना हो तो यह अपने आप ही ठीक हो जाते हैं लेकिन यदि बवासीर की समस्या बढ़ती है तो यह निम्नलिखित लक्षण नजर आ सकते हैं

1. खुदा के आसपास गांठ है या मस्से जैसा महसूस होना
2. गांठ या मस्सों में सूजन, दर्द या खून भी निकल सकता है
3. मल त्याग के वक्त अधिकतर होना
4. गुदा के आसपास खुजली, सूजन, लालीपन होना
5. मल त्यागने के दौरान ब्लीडिंग होना

ऐसे लक्षण नजर आने पर इसके बारे में डॉक्टर को जरूर बताएं और इसका इलाज जरूर कराएं

बवासीर होने के कारण

बवासीर रोग होने के कई कारण होते हैं जिनमें एक पीढ़ी दर पीढ़ी होता है यानी परिवार में किसी एक व्यक्ति को एक बार यह रोग हो जाए तो पीढ़ी दर पीढ़ी या समस्या होती है इसके अलावा बवासीर होने के कई अन्य कारण भी हो सकते हैं जैसे कि

1. अधिक समय तक खड़ा रहना जैसे कि- ट्रैफिक पुलिस, बस कंडक्टर आदि

2. इसके अलावा रोजाना एक्सरसाइज, रनिंग, योग आदि ना करना, जंक फूड का अधिक सेवन करना, तले हुए या अधिक मसालेदार भोजन का सेवन करना, फाइबर युक्त भोजन का सेवन ना करना, आलस्य करना, अवसाद, धूम्रपान या अधिक शराब पीना

3. कब्ज होने से भी बवासीर की समस्या होती है इसमें मल कठोर हो जाता है जिसके कारण मल त्यागने के लिए घंटों बैठा रहना पड़ता है जिसके कारण वहां की रक्तवाहिनियों पर अधिक जोर पड़ता है और फूल कर लटक जाता है जिसे मस्सा कहते हैं

बवासीर के घरेलू उपचार

1. एलोवेरा

बवासीर के उपचार के लिए आप एलोवेरा जूस का सेवन कर सकते हैं जो कब्ज को दूर करती है और पाचन शक्ति को बढ़ाती है इसके अलावा गुर्दे के मस्सों में एलोवेरा जेल को लगा सकते हैं यह जलन और खुजली दोनों को शांत करती है

2. जैतून का तेल

बवासीर की सूजन को कम करने के लिए जैतून का तेल प्रयोग कर सकते हैं इसमें सूजन दूर करने वाले गुण पाए जाते हैं जो सूजन दूर करने में काफी मदद करते हैं इसके लिए इसके तेल को बादी बवासीर के मस्सों में लगा सकते हैं जिससे काफी फायदा मिल सकता है

3. बदाम का तेल

बादी बवासीर की समस्या दूर करने के लिए शुद्ध बदाम के तेल का प्रयोग कर सकते हैं इसके लिए सबसे पहले बदाम के तेल में रुई को भिगोये और इसे बवासीर के मस्सों में लगाएं इससे सूजन और जलन दोनों काम कर सकते हैं

4. नींबू का रस

बवासीर में नींबू का भी प्रयोग कर सकते हैं इसके लिए नींबू के रस में अदरक और शहद मिलाकर इसे सेवन कर सकते हैं इससे बवासीर में काफी फायदा मिलता है

5. पका पपीता

पक्का हुवा पपीता कब्ज दूर करने में काफी फायदेमंद होता है इसके लिए रात के खाने के साथ पपीते का सेवन जरूर करें जिससे सुबह मल त्यागने में काफी आसानी हो सकती हैं

6. मट्ठा और अजवाइन

बवासीर की समस्या दूर करने के लिए इस घरेलू उपचार का भी उपयोग कर सकते हैं माना जाता है कि यह बवासीर में अमृत का सामान कार्य करता है जिसके लिए आप इसका प्रयोग कर सकते हैं इसके लिए एक गिलास छाछ मैं एक चौथाई अजवाइन का चूर्ण तथा एक चम्मच काला नमक मिलाकर रोजाना दोपहर में खाने के साथ सेवन कर सकते हैं

7. जीरा

बवासीर की समस्या में दर्द और जलन से राहत पाने के लिए जीरा के दानों को पीसकर लेप बनाकर गुद्दे के मस्सो में लगा सकते हैं इसके अलावा जीरे को भूलकर मिश्री के साथ पीसकर 1 से 2 ग्राम की मात्रा में मट्ठे के साथ सेवन कर सकते हैं जो काफी लाभदायक साबित हो सकता है

8. सेब का सिरका

खूनी बवासीर से राहत पाने के लिए एक गिलास जल में एक चम्मच सेब का सिरका मिलाकर सुबह-शाम सेवन कर सकते हैं इसके अलावा बादी बवासीर से राहत पाने के लिए सेब के सिरके को रूई में भिगोकर गुदे में रख सकते हैं इससे काफी फायदा मिलता है

9. गर्म पानी

बवासीर के दर्द और जलन से राहत पाने के लिए गर्म पानी का उपयोग कर सकते हैं इसके लिए सबसे पहले किसी बड़े बर्तन में गर्म पानी को भरे और 10 से 15 मिनट के लिए पानी के अंदर बैठ जाए

10. केला

बवासीर की समस्या दूर करने के लिए केले का भी प्रयोग कर सकते हैं इसके लिए पके केले को उबालें और इसे दिन में 2 बार सेवन जरूर करें

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तो दोस्तों यह थी बवासीर (Meaning of piles in Hindi) की जानकारी और अगर आप लोगों को यह लेख  पसंद आया हो तो इस लेख को इसके जरूरतमंदों के साथ जरूर शेयर  करें

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