Deodar Tree in Hindi- Deodar Tree जिसे हिंदी में देवदार का पेड़ कहते हैं। यह दिखने में एक सीधे तने वाला ऊंचा शांकुधारी वृक्ष हैं। जो पश्चिमी हिमालय, उत्तरी पाकिस्तान, पूर्वी अफगानिस्तान, भारत में हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, जम्मू और कश्मीर तथा दक्षिण-पश्चिमी तिब्बत एवं पश्चिमी नेपाल में अधिकतम 3200 मीटर की ऊचाई में पाया जाता हैं। तो आइए जानते हैं देवदार पेड़ के बारे में पूरी जनकारी।
Information of Deodar Tree in Hindi | देवदार के पेड़ की जानकारी
देवदार एक जड़ी-बूटी वाला पेड़ हैं। जो सीधे तने वाला सदाबहार शांकुधारी पेड़ होता हैं। जो 50 से 80 मीटर लम्बा एवं तना 3 मीटर व्यास का होता हैं। इसकी शाखाएं लटकती एवं फैली हुई होती हैं और इसकी आयु 100 से 200 सालो की होती हैं। तथा यह साल में केवल 3 फूट बढ़ती हैं।
देवदार के पेड़ की लकड़िया काफी मज़बूत, हल्की एवं सुगन्धित होती हैं। जिसके कारण इसका इस्तेमाल धूप, अगरबत्ती बनाने, मंदिरो, नाव घर, नहरों, पुलों आदि। के निर्माण में उपयोग किया जाता हैं।
देवदार की छाल स्थूल, काले रंग की, खुरदरी, भीतरी अंश-तैलीय, सुगन्धित, सख्त, भूरे तथा हल्के पिले रंग के होते हैं। इसकी छाल, टहनियाँ, लकड़िया, पत्ते एवं फल आयुर्वेद में कई तरह के औषधियां बनाने में इस्तेमाल किया जाता है। देवदार के पेड़ की छाल को पाउडर, कैप्सूल, पाउडर तथा लिक्विड के रूप में उपयोग किया जाता हैं।
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Information of Deodar Fruit in Hindi | देवदार फल की जानकारी
देवदार का फल शंकु सीधा 10 से 12 cm लम्बा और 8 से 10 cm चौड़ा रहता हैं। तथा इसका बीज भूरा रंग में 5 से 15 cm लम्बा होता हैं। इसके बीज सर्दियों के मौसम में झड़ते हैं और सितंबर से अक्टूबर महीने तक फूल खिल जाते हैं।
Information of Deodar Leaf in Hindi | देवदार के पत्ते की जानकारी
देवदार के पेड़ की पत्तियां लंबी और सुई के जैसे होती है। जो 3 से 8 सेंटीमीटर लंबे होते हैं। इसमें फूलने वाली फूल दो तरह के होते हैं। एक नर और दूसरा मादा, नर फुल एकल तथा खड़े होते हैं जो रंग में के हल्के हरे से पिले व बैंगनी होते हैं। जबकि मादा फूल हल्के हरे रंग के शंकु एकल या जोड़े में होते हैं।
Benefits and uses of the Deodar tree in Hindi | देवदार के पेड़ के फायदे और उपयोग
1. देवदार एक जड़ी बूटी वाला पेड़ हैं। जिसके कारण इसके लकड़ी, छाल, टहनी, पत्ते, फल आदि। का उपयोग कई तरह की औषधियां बनाने में किया जाता है।
2. देवदार के पेड़ की लकड़ी काफी मजबूत हल्की व सुगंधित होती हैं। जिसके कारण इसका उपयोग अगरबत्ती बनाने, धूप बनाने, इमारतें, पेंसिल व पुल आदि बनाने में भी इस्तेमाल किया जाता है।
3. इसके अलावा देवदार की लकड़ी का उपयोग इंधन के रूप में भी किया जाता है।
4. देवदार के पेड़ की फल से तैयार तेल को हल्का सा गर्म करके एक या दो बूंद नाक में डालने से गला, नाक व सिर के रोग में फायदा मिलता हैं।
5. घावो में देवदार का तेल लगाने से घाव जल्दी ठीक होते हैं।
6. शरीर में किसी भी तरह का दर्द होने पर इसके तेल से मालिश करने से काफी आराम मिलता है।
7. देवदार के पेड़ को प्राय: ईश्वर का वृक्ष माना गया है। जिससे इसका उपयोग कई तरह के मंदिरों या महलों के निर्माण में भी किया जाता है।
8. इसके अलावा इसका उपयोग, बुखार, बवासीर, मूत्र संबंधी रोगों, अनिद्रा, गठिया, मधुमेह आदि रोगों के इलाज के लिए किया जाता है।
9. देवदार के पेड़ की छाल का उपयोग दस्त, बुखार, पेचिस आदि के रोगों को ठीक करने के लिए भी किया जाता है।
10. आयुर्वेद में देवदार के पेड़ का जड़, फल, काठ तथा छाल का उपयोग औषधि बनाने के लिए किया जाता है।
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