about banyan tree in Hindi:- बरगद एक विशाल और मजबूत पेड़ होता है जो सबसे अधिक जीवन जीने वाले पेड़ो में से एक है बरगद के पेड़ में एक अनोखी चीज होती है इसकी जटाये जो काफी लंबी और मोटी होती है जिससे बरगद का पेड़ सभी पेड़ों में से सबसे विचित्र और विशाल दिखता है इसके एक पतली सी जटा में भी इतनी मजबूती होती है कि अगर दो इंसान इसे भी पकड़ कर झूले तो भी नहीं टूटेगी
बरगद का फल, पत्ते, जटाये, और दूध यानी बरगद का हर एक भाग औषधि के रूप में प्रयोग करके बड़े से बड़े बीमारियों को ठीक किया जाता है पहले के साधु अधिकतर बरगद पेड़ का औषधि बनाया करते थे और बरगद के पास ही रहना पसंद करते थे
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Information about banyan tree in Hindi
धार्मिक महत्व / Ritual Importance
हिंदू धर्म में बरगद के पेड़ को विवाहित औरतों के द्वारा अपने पति के लंबी उम्र के लिए पूजा जाता है जिसे बोर पूजा के नाम से भी जाना जाता है और यह माना गया है कि जो भी औरत बोर पूजन करती है उसे बरगद के पेड़ की लकड़ियों को जलाना नहीं है
यह पेड़ ‘त्रिमूर्ति’ का प्रतीक है। इसकी छाल में विष्णु, जड़ों में ब्रह्मा और शाखाओं में शिव विराजते हैं। अग्निपुराण के अनुसार बरगद उत्सर्जन को दर्शाता है। इसीलिए संतान के लिए इच्छित लोग इसकी पूजा करते हैं। इसी कारण से भी बरगद काटा नहीं जाता है।
- Banyan का
- वैज्ञानिक नाम – Ficus Benghalensis
- हिंदी नाम – बरगद, बट, और बड़
- कुल – Moraceae
बरगद के पत्ते / Leaf of Banyan Tree
बरगद के पत्ते कुछ पेड़ो के पत्ते के मुकाबले थोड़े मोटे, चौड़े और बड़े होते हैं जिसको तोड़ने पर सफेद रंग का दूध निकलता है जिसका उपयोग कई सारे बीमारी में किया जाता है
बरगद का फल / Fruit
बरगद का पका हुआ Red फल खाने में इतनी स्वादिष्ट होती है कि इसे बच्चे, बड़े और बुजुर्ग हर कोई खाना पसंद करते हैं बरगद का फल का एक बीज इतनी शक्तिशाली होती है कि अगर इसका एक दाना भी किसी पेड़ या दीवार पड़ जाए तो वहा भी इसका पौधा निकल आता है बरगद का फल तासीर में ठंडी होती है जिसका सेवन करने से कई सारे फायदे होते हैं
Uses of banyan tree in Hindi | बरगद के पेड़ का उपयोग और फायदे
1. बरगद के जड़, पत्ते, फल, बीज और फूल इन सभी भागों उपयोग किया जाता हैं
2. बच्चे व बड़े इसके पक्के फल को काफी चाव से खाते हैं
3. इसके पत्ते या शाखाओं को तोड़ने पर दूध जैसा तरल पदार्थ निकलता हैं जिसे लेटेक्स अम्ल कहते है और इस लेटेक्स का प्रयोग आयुर्वेद में औषधि के रूप में किया जाता है
4. इसके पत्तों को कई तरह के जानवर खाते हैं और कई तरह के जीव-जंतु इसके छाया में आराम करते हैं
5. बरगद के पत्तों, फलो, जड़ो और इसके छाले को भी आयुर्वेदिक औषधि के रूप में प्रयोग किया जाता है
6. बरगद के पेड़ में कई तरह के पंछी घोंसला बनाते हैं तथा निवास करते हैं
7. बरगद की पत्तियों में प्रोटीन, फाइबर, कैल्शियम, और फास्फोरस काफी अच्छी मात्रा में पाई जाती हैं
8. बरगद के दूध को मरहम जैसा प्रयोग किया जा सकता हैं
9. बरगद के पेड़ की जड़, छाल या इसके पत्तियों का लेप बनाकर त्वचा अथवा बालों पर भी लगाया जाता हैं ( इस प्रयोग से पहले अपने चिकित्सक की सलाह जरूर लें )
10. बरगद की नई और नाजुक पत्तियां चबाने से दांत के मसूड़े मजबूत होते हैं और बरगद के पेड़ के दूध को बवासीर के इलाज में भी प्रयोग किया जाता है
बरगद के पेड़ के अन्य नाम | Other names of Banyan tree in Hindi
Hindi – बर, बट, बरगद, बरगट
English – बैन्यन ट्री (Banyan tree )
Sanskrit – वट वृक्ष, न्यग्रोध, वैश्रवणालय, बहुपाद, शृङ्गी, स्कन्धज, ध्रुव, क्षीरी, वैश्रवण, वास, वनस्पति
Nepali – बर
Punjabi – बरगद, बर
Tamil – अला, अलम
Telugu – मर्री, वट वृक्षी
Marathi – वड, वर
Oriya – बरो
Urdu – बर्गोडा
Gujarati – वड, वडलो
Kannada– अल, अला, मरा
Benefits of banyan tree in Hindi | बरगद के पेड़ के फायदे
1. मूत्र रोग के लिए – कई लोगो को बार-बार पेशाब आने की समस्या होती हैं जिसे दूर करने के लिए आप बरगद के बीज को महीन पिसकर 2g की मात्रा में गाय के दूध के साथ मिलाकर सुबह के समय पी सकते हैं इससे बार बार आने की समस्या ठीक हो सकती हैं
2. खुजली की समस्या को करे दूर करने के लिए – ज़्यदातार यह देखा गया हैं बैक्टीरियल इन्फेक्शन के कारण खुजली जैसी समस्या उत्पन्न हो जाती हैं और ऐसे में इन समस्याओं से राहत पाने के लिए आप बरगद के पत्तों का लेप बनाकर खुजली वाले स्थान में लगा दे इसमें पाया जाने वाला एंटी-माइक्रोबियल इस समस्या से राहत पाने काफी मदद करेगी
3. खूनी बसासीर में लाभ पाने के लिए – बरगद के 25 ग्राम कोमल पत्तों को 200 मिलीग्राम पानी में घोंटकर पिलाने से 2-3 दिन में ही खून बहना बन्द हो जाता है। इसके पीले पत्तों की भस्म को बराबर मात्रा में सरसों के तेल में मिलाकर बवासीर के मस्सों पर लेप करते रहने से तुरंत लाभ होता है
4. याद्दाश्त बढ़ाने के लिए – अगर आपकी स्मरण शक्ति कमजोर हैं यानी पढ़ी हुई चीजे आद नहीं रख पाते बार – बार भूल जाते हैं और इसके लिए अगर आप अपना याद्दाश्त बढ़ाना चाहते हैं तो इसके लिए आप छाए में सुखाए गए वट यानी बरगद के पेड़ का छाल के महीन चूर्ण में दोगिनी मात्रा में मिश्री मिला कर इसे 6 ग्राम की मात्रा में सुबह और शाम गाय के गर्म दूध के साथ पिना शुरू कर सकते हैं इससे स्मरण की शक्ति बढ़ती है याद रखे कि यह इस समय ख़टे पढ़ार्थो का सेवन ना करे
5. घाव का इलाज के लिए – यदि घाव ऐसा हो जिसमें कि कीड़े हो गए हों या उसमें से बदबू आती हो तो घाव में यदि कीड़े हो गए हों या उसमें से बदबू आती हो तो बरगद के पेड़ की छाल के काढ़े से घाव को हर दिन साफ करे और घाव पर बरगद के दूध की कुछ बूदें दिन में 3-4 बार डालें इससे कीड़े नष्ट हो जायेंगे और घाव भी ठीक हो जायेगा
और अगर कोई छोटी-मोटी साधारण घाव हैं तो बरगद के दूध लगाने से जल्द ठीक जाता हैं
6. नाक से खून आने पर – अधिकतर लोगो को गर्मियों के मौसम में किसी कारण वश नाक से खून निकलने लग जाता हैं जिसे ठीक करने के लिए 3 ग्राम मात्रा में बरगद की जड़ की छाल का चूर्ण लस्सी के साथ मिलाकर पिने से नाक से खून आने की समस्या में लाभ मिलता है
7. दस्त रोकने के लिए – अकसर लोगो को गलत खान-पान या किसी और वजह दस्त की समस्या उत्पन्न हो जाती हैं जिसे ठीक करने के लिए आप छाए में सुखाए गए वट वृक्ष की छाल 3 ग्राम का चूर्ण तैयार कर ले इस चूर्ण को दिन में 3 बार चावलों के धोवन के पानी या ताजे पानी के साथ इसका सेवन करने से दस्त में तुरंत लाभ मिलता हैं
8. आग से हाथ पैर जलने पर – कई लोगो जल्द बाजी में या किसी गड़बड़ी के कारण अपने हाथ या पैरो में आग से जला लेते जो काफी दर्दनाक होता हैं जिसे तुरंत ठीक करने के लिए आप बरगद के कुछ कोमल पत्तों को तोड़कर गाय के घी के साथ मिलाकर पीस कर सूजन में लगाने से काफ़ी लाभ मिलता हैं
9. हमारे दांतो के लिए – अगर किसी व्यक्ति के दांतो में दर्द हैं या मुँह से बदबू आती हैं तो बरगद की जड़ की दातून बनाकर मंजनकर सकते हैं इससे आपकी दर्द और बदबू दोनों दूर हो जाएगी
और यदि आपका दाँत हिल रहा और इस दाँत को आपको निकलना चाहते मगर बहुत दर्द होती हैं और निकल नहीं रही हैं तो आप बरगद का दूध कुछ बूँद लगा दे और फिर निकाले इससे आपका दाँत काफ़ी आसानी से निकल जायेगा
10. कमर दर्द के लिए – अगर किसी को कमर में दर्द की समस्या हैं तो इस बरगद के दूध कमर लगा सकते हैं इससे काफी लाभ मिलता हैं
11. वीर्य की शुद्धि और बल वृद्धि के लिए – अगर कोई पुरुष अपनी कमजोरी से परेशान हैं तो बरगद के पके हुवे फल और पीपल के फल इन दोनों को सुखा कर महीन पीस कर चूर्ण बना कर 25 ग्राम चूर्ण को 25 ग्राम घी में भूनकर, हलवा बना लें। अब इसे सुबह और शाम सेवन करे तथा ऊपर से गाय का दूध पीने पी ले इससे बल की वृद्धि और वीर्य की शुद्धि होती है इसे कमजोर महिला भी सेवन कर सकती हैं
12. सूजन की समस्या दूर करने के लिए – अगर आपको शरीर में किसी भी तरह की सूजन हो तो बरगद के पत्तों पर घी चुपड़कर सूजन पर बांधने से सूजन से जल्द आराम मिलता हैं
बरगद के पेड़ के नुकसान | Side Effects of Banyan Tree in Hindi
1. वैसे तो बरगद के पेड़ के कोई नुकसान नही हैं फिर भी इसे संतुलित मात्रा में ही ले
2. अगर बरगद की जड़, छाल,बीज, पत्तियों या दूध से आपको किसी तरह की एलर्जी हो तो इसका प्रयोग बंद दे और अपने चिकित्सक को जरूर दिखा ले
Interesting Facts about Banyan Tree in Hindi / बरगद के पेड़ के बारे में रोचक तथ्य और उपयोग
1. बरगद भारत का राष्ट्रीय वृक्ष है
2. बरगद के पेड़ का औसत आयु लगभग 250 से 300 वर्षों से अधिक तक भी होती है
3. बरगद का पेड़ पूरे भारत में पाया जाता है
4. बरगद के जटाये और इसका दूध को नपुंसकता ठीक करने में उपयोग किया जाता हैं
5. भारत में सबसे पुराना बरगद का पेड़ कोलकाता में हैं जिसकी लंबाई 25 मीटर हैं और 144400 वर्ग मीटर में फैला हैं
6. हमारे देश भारत में बरगद के पेड़ बहुत सारे देखने को मिलते हैं और यही कारण है कि इसे वर्ष 1950 में राष्ट्रीय वृक्ष घोषित कर दिया गया था
7. इसके पत्ते या शाखाओं को तोड़ने पर दूध जैसा तरल पदार्थ निकलता हैं जिसे लेटेक्स अम्ल कहते है
8. और बरगद के पेड़ के निचे ही भगवान बुद्ध को भी अपने आत्मज्ञान की प्राप्ति हुई थी