About Ragi in Hindi:- दोस्तों रागी जिसे हम हिंदी में मंडुआ और नाचिनी के नाम से भी जानते हैं इसे कई सालों पहले पुराने जमाने से ही पौष्टिक आहार के रूप में प्रयोग किया जा रहा है इसमें ऐसे कई सारे पोषक तत्व मौजूद होते हैं जो हमारे शरीर के लिए काफी फायदेमंद होते हैं तो आज हम इस पोस्ट में रागी के बारे पूरी जानकारी जानेगे ज़िसका प्रयोग करके आप कई सारे फायदे उठा सकते हैं
Table of Contents
रागी का पौधा | Information of Ragi plant in Hindi
रागी यानि मुंडआ का पौधा दिखने में हरा भरा और बहुत ही सुंदर होता है जिसकी लंबाई लगभग 1 मीटर तक होती है जिसमे इसके फल गोलाकार, चपटे और झूर्रीदार होते हैं
रागी के बीज | Information of Ragi seeds in Hindi
रागी गर्म तासीर की होती हैं और इसके दाने भूरे रंग के गोलाकार और छोटे होते हैं जिसे संग्रह करके बिना किसी कीटनाशक दवाइयों का कई सालों तक रखा जा सकता है यह एक मोटा अनाज होता है जिसकी खेती भारत के कई पहाड़ी इलाकों में किया जाता है जो कम सिंचाई में ही अधिक पैदावार होती है
रागी का वैज्ञानिक नाम – Eleusine coracana (एलुसाइनी कोराकैना)
कुल – Poaceae (पोएसी)
Other Names of Ragi in – रागी के अन्य नाम
English – Coracan millet, Indian millet, African millet, Poko grass, Finger millet
Hindi – मंडल, रोत्का, मंडुआ, रागी, मकरा,
Sanskrit – मधूलिका,नृत्यकुण्डल, बहुपत्रक नर्तक, भूचरा, कठिन, कणिश
Oriya – मांडिया
Kannada – रागी
Gujarati – पागली, नावतोनागली
Bengali – मरुआ
Tamil – केलवारागू , कयुर
Telugu – रागुलु
Nepali – कोदो
Punjabi – कोदों, मंधल, चालोडरा, कोदा
Marathi – नचीरी, नगली, नाचणी
Malayalam – मुत्तरि
Rajasthani – रागी
Arabic – तैलाबौन
Persian – मन्डवाह
रागी के उपयोग | Uses of Ragi in Hindi
1. अधिकतर रागी का उपयोग रोटी बनाकर खाने के लिए किया जाता है
2. लेकिन इसका उपयोग लड्डू, चिप्स, इडली, डोसा, उपमा, हलवा, बर्फी और बिस्किट्स आदि बनाने मे भी किया जाता हैं
3. रागी का उपयोग त्वचा से दाग – धब्बे हटाने के लिए भी किया जाता हैं
4. रागी से मदिरा भी बनती हैं
5. रागी का उपयोग वियतनाम में बच्चे के जन्म के समय महिलाओ को दवा के रूप में भी दिया जाता हैं
Nutrients of Ragi in Hindi | रागी में पाये जाने वाले पोषक तत्व
पोषक तत्व मात्रा प्रति 100 ग्राम
प्रोटीन 7.3 ग्राम
वसा 1.3ग्राम
कार्बोहाइड्रेट 72 ग्राम
खनिज 2.7 ग्राम
कैल्शियम 3.44 ग्राम
रेशा 3.6 ग्राम
ऊर्जा 328 किलो कैलोरी
रागी के फायदे | Benefits of Ragi in Hindi
1. खून की कमी को बढ़ाने के लिए – रागी को खून की कमी वाले लोगों के लिए एक वरदान माना जाता है क्योंकि इसमें काफी अधिक मात्रा में आयरन पाए जाते हैं जो खून के स्तर को बढ़ा देता है इसलिए अगर आपको रागी का अधिक फायदा उठाना चाहते हैं और शरीर में खून बढ़ाना चाहते हैं तो रागी के बीजों को अंकुरित करके खाली पेट खाना ही सबसे अच्छा रहता हैं
2. मां का दूध बढ़ाने के लिए – रागि में काफी अधिक मात्रा में अमीनो अम्ल, आयरन और कैल्शियम मौजूद होते हैं जो एक मां का दूध बढ़ाने के लिए काफी मददगार होते हैं
3. शारीरिक हड्डियों के विकास के लिए – शारीरिक हड्डियों के विकास के लिए कैल्शियम एक महत्वपूर्ण कारक होता है जो कि रागी के दानों में प्रचुर मात्रा में पाया जाता है जो हमारे शारीरिक हड्डियों के विकास के लिए काफी फायदेमंद होता है इसके लिए आप रागी का दलिया का सेवन कर सकते हैं
4. हमारे दिमाग की बीमारियों के लिए – आजकल के इस भाग दौड़ भरी जिंदगी में चिंता, अनिंद्रा, चिड़चिड़ापन, सिर दर्द जैसे कई बीमारियां उत्पन्न हो जाती है जिसे दूर करने के लिए आप रागी का प्रयोग कर सकते हैं क्योंकि इसमें अमीनो एसिड और एंटीऑक्सीडेंट प्रचुर मात्रा में मौजूद होते हैं जो ऐसे सामान्य बीमारियों को दूर करने के लिए काफी मददगार होते हैं
5. वजन कम करने के लिए – अगर आप मोटापे से परेशान है और वजन कम करना चाह रहे हैं तो आप राखी का प्रयोग कर सकते हैं क्योंकि इसमें फाइबर अधिक मात्रा में होता है जो वजन को कम करने में काफी मदद करता है
6. खराब कोलेस्ट्रॉल के लिए – खराब कोलेस्ट्रॉल बढ़ जाने के कारण यह हमारे शरीर के लिए काफी घातक हो जाते हैं अतः अगर आप बढे हुए खराब कोलेस्ट्रॉल को कम करना चाह रहे हैं और अच्छे कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाना चाह रहे हैं आप रागी का उपयोग कर सकते हैं इसके लिए रागी से बने रोटी या इसका दलिया का सेवन कर सकते हैं
7. दस्त को रोकने के लिए – कब्ज में दूर करने के लिए – अक्सर लोगो को किसी ना किसी कारण से पेट में कब्ज बनी जाती हैं जिसके कारण पेट से जुडी कई परेशानियां उत्पन्न हो जाती हैं जो कि स्वस्थ के लिए ठीक नहीं हैं लेकिन अगर आप मंडुवा का सेवन करते हैं तो कब्ज जैसी समस्या से राहत पा सकते हैं बता दे कि मंडुआ की बीजों में सेल्यूलोज अधिक मात्रा में पाया जाता हैं जिसके निरन्तर सेवन करने से कब्ज से छुटकारा दिलाता है। मंडुवा कि खास बात यह है कि यह कब्ज की पुरानी बीमारी को भी दूर करने में सहायक होता हैं
8. त्वचा के लिए – रागी के प्रयोग त्वचा के लिए काफी फायदेमंद होता हैं बता दे कि रागी में फेरुलिक एसिड होता हैं जो यूवी विकिरणों की वजह से होने वाली त्वचा की क्षति से बचाव करता है। और इसमें एंटी-एजिंग गुण भी मौजूद होता है, जिसके वजह से यह समय से पहले त्वचा पर एजिंग के प्रभाव को कम करता है और इसके लिए आप रागी को फेस मास्क के रूप में प्रयोग कर सकते हैं
रागी का नुकसान | side effects of Ragi in Hindi
रागी के फायदे तो बहुत है लेकिन इसके नुकसान जानना भी बहुत जरूरी है तो आइए जानते हैं रागी की कुछ नुकसान
1. रागी का अत्यधिक मात्रा में सेवन ना करें
2. अगर आप रागी का अत्यधिक मात्रा में सेवन करते हैं तो यह आपके शरीर में ऑक्सेलिक एसिड कि मात्रा बढ़ा सकती है इसीलिए इसे गुर्दे की पथरी और किडनी के मरीजों वाले लोगो को इसका सेवन नहीं करना चाहिए क्योंकि इससे आपको कई सारे नुकसान हो सकते हैं
रागी के बिजों का भण्डारण
रागी एक बार पक कर तैयार हो जाने के बाद इसका भण्डारण बहुत ही सुरक्षित होता है। इस पर किसी प्रकार के कीट या फफूंद हमला नहीं करते हैं
मंडुआ या रागी कहां पाया या उगाया जाता है?
भारत में मंडुआ या रागी की खेती अधिकतर पहाड़ियों क्षेत्रों में की जाती है जो कि हैं कर्नाटक, आन्ध्र प्रदेश, तमिलनाडु, सिक्किम, झारखण्ड , उत्तराखण्ड यादि भारत में कर्नाटक और आन्ध्र प्रदेश में रागी का सबसे अधिक उपभोग किया जाता हैं
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