what is aliv seeds in hindi | अलिव बीज क्या है

दोस्तों आज हम बात करने वाले हैं aliv seeds in hindi  के बारे में जिसे अलिव बीज, हलिम बीज या इंग्लिश में Garden cress seeds के नाम से जाना जाता है इसमें प्रोटीन, फाइबर, कैल्शियम, विटामिन सी, विटामिन ई, जैसे कई पोषक तत्वों से भरपूर शामिल होते हैं जिसके कारण इसे सुपरफूड भी कहा जाता है

Aliv seeds का
हिंदी नाम – हलिम बीज
scientific name – Lepidium sativum
Family – brassicaceae

Information of  Aliv plant in Hindi |अलिव का पौधा

यह एक बारहमासी पौधा होता है जिसकी लंबाई लगभग 15 से 45 सेंटीमीटर होती है इसका तना सीधा और चिकना होता है इसके फूल सफेद रंग 2 मिली मीटर लंबे और द्विलिंगी होते हैं इसका फल चपटा होता है जिसमे एक फल के अंदर लगभग एक से दो भूरे रंग के बीज होते हैं

Information of  Aliv seeds in Hindi |अलिव के बीज

अलिव के बीज दिखने में थोड़े छोटे लंबे और भूरे रंग के होते हैं ओरिया गर्म तासीर की होती है जिसके कारण इसे सर्दियों में सेवन करना है ही सबसे अच्छा माना जाता है

हलीम के बीज (अलिव बीज) के अन्य नाम | Other name of Aliv seeds in Hindi 

Hindi – हर्फ अलकालम, हालों, हालिम, चनसुर, चन्दसूर, चन्द्रशूर

Urdu – हालिम

Oriya – चंदसारा, चंदसूरा

Kannada – अलिबीज, कुरूटीग

English – Common garden cress

Sanskrit – चन्द्रिका, चर्महत्री, पशुमेहनकारिका, नन्दिनी, कारवी, भद्रा, वासपुष्पा, सुवासरा, चंद्रसूर, चंद्रसूरा

Nepali – चम्सुर

Punjabi – तेजक

Marathi – आलीव, हलिम

Gujarati – अशेहीओ , अशेरिया

Tamil – अलिविराई

Telugu – अदितयलु

Bengali – हालिम, हालिमा

अलिव बीज के फायदे  | Benefits of aliv seeds in Hindi

1. पेट की कब्ज के लिए

इस बीज में प्रचुर मात्रा में फाइबर मौजूद होता है जो हमारे पेट के लिए काफी अच्छा होता है जिससे हमारे पेट की कब्ज और गैस जैसी समस्याएं दूर होती है

2. रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए

Aliv के इस बीज में फ्लेवोनोइड्स, फोलिक एसिड और विटामिन सी भरपूर मात्रा में मौजूद होते हैं जो हमारे रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाती है और बुखार खांसी जैसे कई रोगों को दूर करने में सहायक होती है

3. खून की कमी वाले लोगों के लिए

किसी व्यक्ति के शरीर में खून की कमी है तो वह इस बीज का सेवन कर सकते हैं क्योंकि इसमें अधिक मात्रा में आयरन मौजूद होता है जो आपके इस समस्या को दूर करने में काफी सहायक होता है

4. बवासीर के लोगों के लिए

अगर किसी व्यक्ति को बवासीर की समस्या है तो वह हलीम के पत्तों का सेवन कर सकता है इससे आपका पाचन तंत्र अच्छे से काम करता है और कब्ज तथा गैस की समस्या भी दूर होती है

5. वजन कम करने के लिए

हलीम के बीज में फाइबर और प्रोटीन प्रचुर मात्रा में उपस्थित होते हैं जिसके कारण हमें बार बार भूख लगने का एहसास नहीं होता है जिसके कारण हम अधिक खाने से बचे रहते हैं और इस प्रकार हमारा वजन कम करने में काफी आसानी होती है

6. हृदय के लिए

हलीम (अलिव) के बीज में अच्छी मात्रा में घुलनशील फाइबर पाया जाता हैं जिसे पानी में भिगो देने के बाद इसका सेवन करने से यह अच्छे कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाता है और बुरे कोलेस्ट्रॉल को कम करता है जो हृदय के स्वस्थ के लिए काफी अच्छा रहता हैं

7. सूजन ठीक करने के लिए

हलीम के बीजों को पीसकर लगाने से अथवा हलीम के बीजों को कूट कर इसमें नीबू का रस मिलाकर इसे सूजन लगाने से सूजन ठीक हो जाती हैं

8. गठिया रोगों के लिए

हलीम की बीजों तो तिल के तेल में पकाकर इसे लगाने से गठिय में लाभ मिलता हैं

9. स्तनों में दूध को बढ़ाने के लिए

ऐसे कई माताएं होती है जिनके स्तनों में दूध बहुत ही कम मात्रा में बनती है जो बच्चे के लिए पूर्ति नहीं हो पाती जिसके कारण बाहर से बाजार का दूध पिलाती है लेकिन इस समस्या को दूर करने के लिए आप हलीम के बीज का सेवन कर सकते हैं इसमें आयरन और प्रोटीन से भरपूर मात्रा में मौजूद होता है साथ ही इसमें गैलेक्टैगॉग गुण होते हैं, जो स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए काफी फायदेमंद होती है और इसे सेवन करने के लिए 5-10 ग्राम हलीम के बीजों को 100 मिली दूध में खूब गर्म कर करके इसे पिने से स्तनों में दूध की वृद्धि होती है

10. हिचकी की परेशानी दूर करने के लिए

10 ग्राम हलीम के बीज को 8 गुने जल में पकाएं और गाढ़ा होने के बाद इसे छलनी या कपडे से छान कर रख ले उसके बाद इस पानी को 50 मिली की मात्रा में बार-बार पिये इससे हिचकी की परेशानी दूर हो जाती हैं

हलीम के बीज (अलिव सीड्स) के उपयोग | Uses of Aliv Seeds in Hindi

1. हलीम के बीज को चूर्ण, काढ़ा, और पेस्ट, के रूप में उपयोग किया जाता है।

2. इसके बीजों को घी में भूनकर शर्करा मिलाकर इसका सेवन करने से प्रसव यानी बच्चे के जन्म देने बाद होने वाली शारीरिक कमजोरी ठीक करने के लिए उपयोग किया जाता हैं

3. मोच आने पर हलीम के बीजों को पीसकर पेस्ट के रूप में मोच में लगाया जाता हैं

4. आयुर्वेद में हलीम के बीज, जड़ और पत्ते इन तीनो को काफी अधिक मात्रा में उपयोग किया जाता है

5. हलीम के बीज को खाने का जायका बढ़ाने में भी उपयोग किया जाता हैं

6. हलीम के बीज का पानी नींबू पानी की तरह उपयोग किया जा सकता हैं

7. हलीम के बीजों को लड्डू और सूप बनाने में भी उपयोग किया जाता हैं

हलिम के बीज का चूर्ण सेवन करने का मात्रा

इसके बीज के चूर्ण को 1 से 3 ग्राम की मात्रा में ले सकते हैं

हलीम बीज के नुकसान और सावधानियां | Side effets of Aliv seeds in Hindi 

1. गर्भवती महिलाएं सेवन ना करें
2. और कभी भी कोई भी व्यक्ति इसका अधिक मात्रा में सेवन ना करें

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