ararot kya hota hai | और कैसे बनता हैं?

ararot kya hota hai:- अरारोट एक ट्रॉपिकल पौधा होता है जो कि बहुत ही starchy होता है लेकिन जब इसके जड़ को पाउडर बनाया जाता है तब यह पूरी तरह सफेद रंग का बारीक पाउडर बनकर तैयार हो जाता है जो दिखने में corn flour की तरह ही सफेद रंग का दिखता है जिसमें कई सारे vitamins मौजूद होते हैं जिसके कारण इसका उपयोग baby food बनाने में भी किया जाता है

ararot kya hota hai

अरारोट का वैज्ञानिक नाम – मैरेंटा अरुंडिनेशी (Maranta arundinacea) है

कुल – Marantaceae (मैरन्टेसी)

अरारोट के अन्य नाम 

Hindi – तीखुर भेद, अरारोट

English- West Indian arrowroot (वैस्ट इण्डियन ऐरोरूट), ओबीडिएन्स प्लान्ट (Obedience plant)

Bengali – अरारोट, ओरारूट, तवक्षीर

Kannada – कुवेहिट्टू

Gujarati – तपखीर, तवखीर, तवखार

Tamil – अरारोट्टुककिलंगु, कुकाई नीरु

Telugu – पलागुंडा, पालागुन्टा

Malayalam – कुव्वा

Marathi – आरारूट

अरारोट का उपयोग

अरारोट का उपयोग भी कॉर्न फ्लोर की तरह ही recipe को गाढ़ा बनाने में किया जाता है आप चाहे तो कॉर्न फ्लोर की जगह अरारोट का प्रयोग कर सकते हैं यह दोनों ही gluten free होता है और यह पूरी तरह हर्बल और नेचुरल होती है जिसमें किसी भी प्रकार की मिलावट नहीं होती है जिसके कारण इसका उपयोग व्रत में भी क्या जाता है

आरारोट और कॉर्न फ्लोर में क्या अंतर है

अरारोट का पाउडर आरारोट की पौधे की जड़ों को पीसकर बनाई जाती है जो दिखने में सफेद रंग और स्ट्राची होता है जबकि कॉर्नफ्लोर मकई के दाने के बीच वाले भाग endosperm से बनती है जो दिखने में बहुत ही सफेद और स्ट्राची होता है

अरारोट के फायदे | Benefits of arrowroot in hindi

अरारोट का वैज्ञानिक नाम मैरेंटा अरुंडिनेशी’ हैं आरारोट में विटामिन बी, कैल्शियम, पोटेशियम और फाइबर जैसे कई मिनरल मौजूद होते हैं जिसके कारण इसे सेवन से कई सारे फायदे होते हैं

1. रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाएं

अरारोट के पाउडर में cytotoxic गुण मौजूद होता है जो हमारे शरीर का रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में काफी मदद करता है

2. वेट लॉस के लिए

इसमें बहुत ही कम मात्रा में calories और fat free होती है जिसके कारण इसका उपयोग weight loss में भी किया जाता है

3. प्रेग्नेंट औरत के लिए

अरारोट में folate नाम का तत्व पाया जाता है जो गर्भ में पल रहे बच्चे और बच्चे की मां के स्वस्थ के लिए काफी फायदेमंद होता है

4. जल्द घाव भरने में उपयोगी

अगर किसी व्यक्ति को चोट लगने के कारण घाव बन गया हैं और घाव भरने में समय ले रहा है तो आप आरारोट का पाउडर को घाव मैं जरूर लगाएं इससे आपका घाव जल्द भरने मे काफी मदद करेगा

5. दिल को रखें स्वस्थ

अरारोट में पोटेशियम प्रचुर मात्रा में मौजूद होता है जिसके कारण यह हमारे दिल को काफी मजबूत स्वस्थ बनाता है

6. बनाए पाचन क्रिया को मजबूत

अरारोट के सेवन यह हमारे पाचन क्रिया को भी काफी अच्छा और मजबूत बनाता है

7. अधिक पसीना आने की समस्या के लिए

अगर कोई व्यक्ति किसी बीमारी के कारण अधिक पसीना आता है, और वह आयुर्वेदिक उपाय से यह समस्या ठीक करना चाहते है तो अरारोट का उपयोग कर सकते हैं इसके लिए आप अरारोट के चूर्ण से मालिश करना शुरू कर सकते हैं इससे काफी लाभ होता है |

8. मूत्र रोग के इलाज के लिए

अगर किसी व्यक्ति को मूत्र संबंधी रोग जैसे पेशाब में जलन या पेशाब रुक-रुक कर आता हो तो इसमें अरारोट का सेवन करने से लाभ मिलता है। इसके लिए 1-2 ग्राम अरारोट के चूर्ण को 200 मिली पानी में पका ले और फिर ठंडा होने दे ठंडा होने के बाद इसमें मिश्री मिलाये और इसका सेवन करे इससे पेशाब के रास्ते में जलन, और पेशाब रुक-रुक कर आने की इस समस्या को ठीक करने में काफी मदद मिलेगी

9. खुजली बीमारी के इलाज के लिए

अगर किसी आदमी को खुजली की समस्या हैं और इससे परेशान हैं तो आप अरारोट का इस्तेमाल कर सकते हैं इससे काफ़ी फायदा देखने को मिलेगा और इसके लिए आप अरारोट के महीन चूर्ण को गुलाबजल में मिलाकर खुजली वाले जगह पर लगाएं। इससे खुजली की बीमारी ठीक होती है।

10. सिर दर्द से आराम पाने के लिए

आप अरारोट के 1-2g चूर्ण में 200 मिली जल मिलाकर पकाएं। और फिर इसमें 250 मिली दूध तथा 50g मिश्री डालकर फिर पकाएं। और जब केवल दूध बच जाए तो निचे उतार लें। और फिर गुनगुना होने के बाद इसका सेवन कर सकते हैं। इससे आपको ना केवल सिर दर्द से आराम मिलेगा बल्कि आंखों की बीमारियों में लाभ करेगा

11. खूनी बवासीर में लाभ पाने के लिए

अरारोट खुनी बवासीर के रोग को ठीक करने में भी काफ़ी सहायक होता हैं इसके लिए 1 से 2g अरारोट के चूर्ण में 200 मिली जल मिलाकर पका ले फिर इसमें 250 मिली दूध और 50 ग्राम मिश्री डालकर फिर पकाएं। जब सिर्फ केवल दूध शेष रह जाये तो इसे गुनगुना होने दे और फिर इसे पी ले इससे खूनी बवासीर में काफ़ी फयदा मिलता हैं

अरारोट पाउडर कैसे बनता है

अरारोट का पाउडर बनाने के लिए सबसे पहले अरारोट के पौधे की जड़ को खोदकर निकाला जाता है निकालने के बाद इसमें लगे शकरकंद जैसे दिखने वाले कंद को तोड़कर रखा जाता है और बाद में पानी से धो कर इसमें लगी मिट्टी और छालों को निकाला जाता है निकालने के बाद इसके कंद को छोटे-छोटे टुकड़ों में काट लिया जाता है और फिर इसे पीसकर छानकर इसके रेशेदार वाले भाग को हटा दिया जाता है हटाने के बाद इसमें बचे मांड यानी पानी वाले भाग साफ करके सुखाकर पाउडर बना लिया जाता है जिसे हम अपनी किचन में किसी रेसिपी को बनाने में प्रयोग करते हैं

100 ग्राम arrowroot का nutrition value

1. कैलोरीज 65 kcal, 2. सोडियम 26 mg, 3. पोटेशियम 454 mg, 4. प्रोटीन 4.24 grams, 5. फाइबर 1.3 grams, 6. कार्बोहाइड्रेट्स 13.39 grams, 7. आयरन 2.22 mg, 8. कैल्शियम 6 mg, 9. फोलेट 84%, 10. फैट 0.2 grams

अरारोट के नुकसान और कुछ सावधानियां

अरारोट के फायदे तो बहुत है लेकिन इसे अधिक मात्रा में उपयोग करने से नुकसान भी हो सकते हैं

1. अगर किसी व्यक्ति को अरारोट के पाउडर से एलर्जी उल्टी या खांसी जैसी समस्या हो तो इसका सेवन से बचे
2. अरारोट का प्रयोग फलों के रस और दूध के साथ ना करें
3. गर्भवती महिलाएं, किडनी या लिवर की समस्या वाले लोग इसका सेवन से पहले अपने डॉक्टर की सलाह जरूर है

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

1. अरारोट को इंग्लिश में क्या कहते है?

अरारोट को इंग्लिश में Arrowroot कहते हैं

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