Sesame Seeds in Hindi – Sesame Seeds जिसे हिंदी में तिल का बीज कहते हैं यह तासीर में काफी गर्म होती है जिसके कारण इसे लोग सर्दियों के मौसम में काफी चाव से खाते हैं और इससे होने वाले चमत्कारी फायदों (Sesame Seeds Benefits in Hindi) का लाभ उठाते हैं।
सर्दियों के मौसम में इसे खाने से “शरीर” अंदर से गर्म रहती है। और शरीर हमेशा ऊर्जावान बना रहता है इसे लोग गुड़ के साथ मिलाकर तिल के चीजें जैसे कि – तिल के लड्डू, तिल के बिस्किट, तिल की पट्टी आदि कई व्यंजन बनाकर सेवन करते हैं जिसके सेवन से कई अनोखे फायदे होते हैं तो आइए जानते हैं तिल के बीज कैसे होते है, Til Ke Beej Ke Fayde (Sesame Seeds Benefits in Hindi), उपयोग, नुकसान और इसके संपूर्ण जानकारी के बारे में तो चलिए शुरू करते हैं। (What is Sesame Seeds in Hindi)
Table of Contents
तिल का बीज कैसा होता है | what is sesame seeds in Hindi
तिल के बीज (Sesame Seeds in Hindi) काफी तैलिये होते हैं जो आकार में छोटे, चपटे व अंडाकार होते हैं और रंगों में सफेद, काले, पीले नीले, बेंगनी, लाल आदि कई रंगों में भी होते हैं जिसका उपयोग लड्डू, पास्ता, आइसक्रीम, ब्रेड, करी व सब्जियां आदि कई व्यंजन बनाने में किया जाता है।
तिल के पौधे की जानकारी
तिल का पौधा एक पुष्पिय पौधा होता है जिसकी लंबाई करीब 30 से 60 सेंटीमीटर ऊंचा होता है इसके पत्ते (Sesame leaves in Hindi) पतले, रोमयुक्त और 6 से 15 सेंटीमीटर लंबे एवं 3 से 10 सेंटीमीटर चौड़े होते हैं और तिल के फूल (Sesame flower in Hindi) बैंगनी, गुलाबी, सफेद एवं पीले रंग के भी होते हैं। और इसके फल लिए 2.5 सेंटीमीटर लंबी और 6 मिमी चौड़ी होती है जिसके अंदर तिल के बीज (Sesame Seeds in Hindi) सफेद, काले एवं भूरे रंग आदि में 2.5 मिमी लम्बे व 1.5 मिमी चौड़े होते हैं।
तिल के प्रकार | types of sesame seeds in Hindi
तिल दो प्रकार के होते हैं (1) सफेद तिल (White Sesame Seeds in Hindi) और (2) काला तिल (Black Sesame Seeds in Hindi)
1. सफेद तिल (White Sesame Seeds in Hindi) पश्चिमी देशों और अरब देशों में काफी अधिक प्रचलित है जिसके कारण इसका उपयोग वहां तेल निकालने के अलावा भूनकर सलाद आदि में मिलाकर खाया जाता है इसके अलावा इसे कच्चा भी खाया जाता है जबकि
2. काले तिल (Black Sesame Seeds in Hindi) का उपयोग आमतौर पर पूजा पाठ में किया जाता है इसके अलावा इसका इस्तेमाल चीन, जापान, कोरिया, वियतनाम आदि कई देशों में भोजन को छोकने एवं तलने के लिए भी किया जाता है।
Nutrition facts of sesame seeds in Hindi | तिल के पोषक तत्व
तिल के बीज (Til ke beej) में कैल्शियम, मैग्नीशियम, फाइबर, मैग्नीज, प्रोटीन, आयरन, पोटेशियम, फॉस्फोरस, जिंक थायमिन, नियासिन, फोलेट, ऊर्जा, फैटी एसिड्स, टोटल सैचुरेटेड, फैटी एसिड्स, प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट आदि कई पोषक तत्व पाए जाते हैं।
काले तिल (Black Sesame Seeds in Hindi) एवं सफेद तिल (White Sesame Seeds in Hindi) दोनों में लगभग सामान मात्रा में ही पोषक तत्व पाए जाते हैं। और यह दोनों ही बीज खाने में भी काफी स्वादिष्ट एवं फायदेमंद होते हैं लेकिन बता दे कि आयुर्वेद के अनुसार सफेद तिल के बीज (White Sesame Seeds) की तुलना में काले तिल के बीज (Black Sesame Seeds) हमारे स्वस्थ लिए काफी फायदेमंद होते है क्योंकि काले तिल में आयरन और फाइबर काफी प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं तो आइए जानते हैं इसके सेवन से होने वाले फायदों (Sesame Seeds Benefits in Hindi) के बारे में।
तिल के बीज के फायदे | Benefits of sesame seeds in Hindi
1. शरीर की हड्डी को मजबूत बनाने में फायदेमंद | Sesame Seeds for bones
दोस्तों शरीर की हड्डियां कमजोर होने से न केवल confidence level कम होता है बल्कि हड्डियां कमजोर होने से समाज में या दोस्तों के पास शर्मिंदगी भी झेलनी पड़ती है इसके अलावा हड़िया कमजोर होने से लंबाई ना बढ़ना और ऑस्टियोपोरोसिस जैसे रोग होने का खतरा भी बना रहता है।
ऐसे में हड्डियों को मजबूत बनाने के लिए कैल्शियम मैग्नीशियम आदि हड्डियों को मजबूत करने वाले पोषक तत्वों का सेवन करना काफी आवश्यक हो जाता है और जिसके लिए आप इस तिल का सेवन कर सकते हैं जो आपके लिए काफी फायदेमंद साबित हो सकता है क्योंकि इसमें दस्ता, कैल्शियम और फास्फोरस आदि कई जरूरी पोषक तत्व पाए जाते हैं जो हड्डियों को मजबूत व मरम्मत करने में काफी फायदेमंद होते हैं।
2. रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में फायदेमंद | Sesame Seeds for Immune System
हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होने से छोटे-मोटे रोग जैसे सर्दी, खांसी, बुखार आदि कई समस्या आसानी से घेर लेती है जिससे हम बार-बार बीमार पड़ते रहते हैं और जल्दी ठीक भी नहीं हो पाते हैं।
जिसका सबसे बड़ा कारण होता है हमारा रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होना इसे बढ़ाने व मजबूत बनाने के लिए आप तिल के बीच का सेवन कर सकते हैं इसमें कॉपर होता है जो एंटीऑक्सीडेंट के रूप में काम करता है जिससे हमारा immunity system यानी रोगप्रतिरोधक क्षमता मजबूत बनती है।
3. एनीमिया रोग दूर करने में फायदेमंद | Sesame Seeds for anemia
ऐसे लोग जो एनीमिया रोग से पीड़ित हैं यानी शरीर में खून की कमी है तो वह तिल का सेवन कर सकते हैं खासतौर पर काले तिल का सेवन जरूर करें क्योंकि सफेद तिल की अपेक्षा काले तिल में काफी अधिक आयरन पाए जाते हैं जिसके सेवन से खून की कमी पूरा करने में काफी मदद मिलती है।
4. ह्रदय को स्वस्थ रखने में फायदेमंद | Sesame Seeds for heart
अगर आप अपने हृदय को हमेशा स्वस्थ रखना चाहते हैं तो खासकर काले तिल (Black Sesame Seeds) का सेवन अवश्य करें यह खराब कोलेस्ट्रोल को कम कर अच्छे कोलेस्ट्रॉल की लेवल को बढ़ाने में काफी सहायक होता है जिससे कोलेस्ट्रोल नियंत्रित रहता है और हृदय स्वस्थ बना रहता है।
5. चिंता व तनाव दूर करने में फायदेमंद | Sesame Seeds for anxiety and stress
अगर आप हमेशा चिंता व तनाव जैसे समस्याओं से हमेशा परेशान रहते हैं तो आप तिल का सेवन कर सकते हैं इसमें कई ऐसे पोषक तत्व पाए जाते हैं जो चिंता और तनाव जैसी समस्याओं को छुटकारा दिलाने में काफी मददगार साबित होते हैं।
6. बालों के विकास करने में फायदेमंद | Sesame Seeds for Hair
अगर आप चाहते हैं कि आपके बाल हमेशा घने लंबे व काले बने रहे हैं तो आप इस तिल का सेवन एवं तिल के तेल से बालों में मसाज अवश्य करें तिल के बीज में ओमेगा 3, ओमेगा 6 और ओमेगा 9 जैसे जरूरी फैटी एसिड पाए जाते हैं जो बालों के विकास में काफी मदद करते हैं जिसके लिए इसके तेल की मालिश कर सकते हैं जिससे रक्त परिसंचरण बढ़ता है।
7. त्वचा के लिए फायदेमंद | Sesame Seeds for Skin
तिल का तेल चेहरे को निखार लाने में काफी फायदेमंद होता है जिसके लिए इसका उपयोग कर सकते हैं इसमें विटामिन ई और कई आवश्यक तत्व पाए जाते हैं जो चेहरे के मुंहासे आदि कई समस्याओं को दूर कर चेहरे को स्वस्थ बनाता है और चेहरे में निखार लाने में मदद करता है।
8. वीर्य की कमी दूर करने में फायदेमंद | Sesame Seeds for Semen
वैसे पुरुष जो संभोग की समस्या से परेशान है या वीर्य की कमी है वह तिल 5 ग्राम, 1 ग्राम गोखरू के पाउडर और 200 मिली बकरी के दूध ले आए अब बकरी के 200 मिली दूध में तिल एवं गोखरू के चूर्ण को मिलाकर अच्छे से पकाएं और ठंडा होने के बाद इसमें शहद मिलाकर सेवन कर सकते हैं यह शरीर के वीर्य की कमी को पूरा कर संभोग शक्ति को बढ़ाने में काफी मददगार साबित होती है।
9. दांत रोग दूर कर दांतो को मजबूत करने में फायदेमंद | Sesame Seeds for Teeth
दांतों के रोग दूर करने एवं दांतों को मजबूत बनाने के लिए तिल का सेवन चबा-चबा कर सकते हैं इससे दांतों के रोग दूर होते हैं दाँत मजबूत बनते है।
10. पाचन तंत्र बेहतर बनाने में फायदेमंद | Sesame Seeds for Digestive System
तिल में फाइबर की प्रचुर मात्रा पाई जाती है जो पेट की आंतों के कार्य में काफी मदद करती है और पेट की कब्ज आदि कई समस्या को दूर कर पाचन तंत्र को मजबूत करने में मदद करती है जिसके लिए भी इसका सेवन किया जा सकता है।
11. प्रेगनेंसी में तिल के बीज खाने के फायदे | sesame seeds benefits in pregnancy in Hindi
कई लोगो द्वारा ऐसा माना जाता है कि तिल का बीज गर्म होने के कारण प्रेगनेंसी में इसे खाने से गर्भपात की संभावना होती है जो यह असल में पूरा सच नहीं है और ना ही इस बात का कोई वैज्ञानिक प्रमाण है लेकिन डॉक्टर कहते हैं कि तिल के बीज गर्भावस्था की पहली तिमाही में नहीं खानी चाहिए क्योंकि इससे मतली की समस्या उत्पन्न हो सकती है।
जबकि दूसरी ओर Sesame seeds मैं आयरन एमिनो एसिड, ऑक्सालिक एसिड, कैल्शियम, प्रोटीन विटामिन बी, विटामिन सी तथा विटामिन ई आदि काफी प्रचूर मात्रा में पाया जाता है जो कि बच्चे और मां की पोषक तत्वों की पूर्ति के लिए काफी जरूरी पोषक तत्व होते हैं।
ऐसे में अगर आप एक प्रेग्नेंट औरत हैं और तिल का बीज खाने के बारे में सोच रहे हैं। तो सेवन करने से पहले अपने डॉक्टर की सलाह ले, वे तिल के बीज खाने के सीमित मात्रा, तरीके या तिल के बीज (Sesame Seeds) आपको खाना है या नहीं, डॉक्टर बता देंगे।
तिल के अन्य फायदे | Other benefits of sesame in Hindi
1. हाथ पैरों में आग से जलने पर तिल को पीसकर जले हुए स्थान पर लगा सकते हैं इससे जलन और दर्द कम होते हैं।
2. तिल का तेल मसाज करने से कमर दर्द, गठिया का दर्द, रक्त विकार आदि कई समस्याओं में लाभ मिलता है और इसका मालिश पूरे शरीर में करने से आदमी कभी बीमार भी नहीं पड़ता है।
3. सिरदर्द में तिल के पत्तों को पानी के साथ पीसकर लेप बनाकर माथे में लगाने से सिरदर्द की समस्या दूर होती है।
4. ज्यादातर यह कई गांवो में देखा जाता है। कि नागफनी या थूहर का कांटा लोगो को कई कारण से घुस जाता है जो आसानी से निकलता भी नहीं है जिसके लिए आप तिल का तेल बार-बार उस स्थान पर लगा सकते हैं इससे कांटा आसानी से निकल आता है।
5. अगर किसी प्रकार से हाथ पैरों में चोट मोच आ जाती है तो इसमें भी तिल की खली को पानी के साथ पीसकर गर्म करके बांधने से फायदा मिलता है।
तिल के बीज का उपयोग | uses of sesame seeds in Hindi
1. आयुर्वेद में तिल के पौधे का जड़, पत्ता, बीज एवं बीज के तेल को औषधि के रूप में इस्तेमाल किया जाता है।
2. तिल का उपयोग लड्डू बिस्किट, नान रोटी, चटनी सब्जी आदि कई व्यंजन बनाने में किया जाता है।
3. तिल के तेल का उपयोग बालों, चेहरे और पूरे शरीर पर मालिश करने के लिए भी उपयोग किया जाता है।
4. इसके अलावा इसके शुद्ध तेल का उपयोग खाना पकाने एवं साउथ इंडिया में पूजा पाठ में तथा दीप जलाने भी काफी अधिक किया जाता है।
5. भुने हुए तिल का सेवन सलाद आदि में डालकर भी सेवन किया जाता है।
तिल के बीज का नुकसान | side effects of sesame seeds in Hindi
वैसे तो तिल के कई फायदे होते हैं। लेकिन इसे अधिक मात्रा में सेवन करने से कई नुकसान भी हो सकते हैं तो आइए जानते हैं इसके नुकसान एवं सावधानी के बारे में।
1. तिल को अधिक मात्रा में सेवन करने से पेट और बृहदांत्र में जलन उत्पन्न हो सकती है।
2. अगर इससे व्यक्ति को किसी भी प्रकार की एलर्जी जैसे आंखों में सूजन, पाचन संबंधी समस्याएं, नाक बहना आदि समस्या हो तो जितना हो सके इसका सेवन से बचना चाहिए।
3. स्तनपान कराने वाली महिलाएं एवं गर्भवती महिलाएं बिना चिकित्सक सलाह के इसका सेवन ना करें।
4. अगर किसी व्यक्ति को किसी भी प्रकार की गंभीर रोग हो जिसके लिए वह दवा का सेवन कर रहा हैं तो वह इसका सेवन करने से पहले अपने डॉक्टर की सलाह अवश्य लें।
sesame seeds cultivation in Hindi | तिल के बीज की खेती कैसे करें
भारत में तिल की खेती (sesame seeds cultivation in Hindi) करने के लिए सबसे उपयुक्त मौसम गर्मी की मौसम रहती है इसके अलावा इसकी खेती अर्थ सर्दियों के मौसम में किसी किसी क्षेत्र में की जाती है अगर आप तिल की खेती के बारे में पूरी संपूर्ण जानकारी पाना चाहते हैं तो इसे पूरा जरूर पढ़ें तो आए जानते हैं तिल की खेती के बारे में।
1. तिल की खेती (sesame seeds cultivation) के लिए सबसे पहले मौसम का चयन करना पड़ता है जो कि गर्मियों का मौसम में फरवरी से मार्च महीने या जुलाई के पहले सप्ताह में बुवाई करना सबसे उपयुक्त माना जाता है।
2. इसकी बुवाई पहली बरसात के बाद शुरू कर दी जाती है जो कि भारत के कुछ राज्यों में फरवरी-मार्च में शुरू की जाती है तो कुछ राज्यों में जून व जुलाई में।
3. इसकी बुवाई के लिए खेत में नमी होना जरूरी होता है जो कि बुवाई करने के ढाई से 3 महीने बाद फसल पक कर तैयार हो जाती है।
4. ध्यान रहे जल संग्रह वाले जमीन का चयन ना करें वरना फसल को नुकसान पहुंच सकता है क्योंकि तिल के पौधों को अधिक पानी की आवश्यकता नहीं होती है।
5. पौधों की बढ़वार के लिए 25 डिग्री सेल्सियस से 27 डिग्री सेल्सियस तापमान सबसे उपयुक्त रहता है।
तिल की खेती के लिए उपयुक्त मिट्टी
तिल की खेती (sesame seeds cultivation) के लिए हल्की रेतीली दोमट मिट्टी सबसे उपयुक्त मानी जाती है जिसका PH मान 5.5 से 7.5 सबसे अच्छा रहता हैं बीजों की बुवाई करने से पहले अपने खेत को अच्छे से जुताई करके भुरभुरी बनाकर तैयार कर ले जिससे की बीजों के अंकुरण में किसी प्रकार की समस्या पैदा ना हो।
तिल के बीजों की उन्नत किस्में
1. जे.टी – 11 (PKDS – 11)
इस किस्म के बीजों का रंग गहरे भूरे रंग का होता है। जिनमें 50% तक तेल पाई जाती है यह किस्म 80 से 85 दिनों के अंदर पककर तैयार हो जाते हैं।
2. टी.के.जी. 308
इस किस्म के तिल के बीज के पौधे का तना एवं जड़ा सड़न आदि रोगों में सहनशील होते हैं जिस के दानों में 48 से 50% तक तेल की मात्रा पाई जाती है जो 80 से 85 दिनों में पककर तैयार हो जाती है।
3. जे.टी.एस. 8
इस किस्म के दानों का रंग सफेद होता है जिसमें 50% तक तेल की मात्रा होती है ऐसे दाने अंगमारी, फाइटोफ्थोरा, अल्टरनेरिया पत्ती धब्बा तथा जीवाणु अंगमारी रोगों के प्रति सहनशील होते हैं और इस किस्म के बीज 80 से 85 दिनों के अंदर पककर तैयार हो जाते हैं।
4. जे.टी – 12 (PKDS – 12)
इस किस्म के बीज रंग में सफेद होते हैं जिनमें 50% से 53% तक तेल पाया जाता है और यह 80 से 85 दिनों में तैयार हो जाते हैं।
5. टी. के. जी .55 ( TKG – 55)
इस किस्म के बीज फाइटोफ्थोरा, अंगमारी, मैक्रोफोमिना, तना एवं जड़ सड़न रोगों के प्रति सहनशील होते हैं जिनमें 50 से 53% तक तेल की मात्रा पाई जाती है और यह किस्म के फसल 75 से 78 दिनों में पककर तैयार हो जाते हैं।
तिल के बीज की बुवाई कब करें
1. अगर आप जायद ( ग्रीष्मकालीन ) की फसल कर रहे हैं तो इसे फरवरी से मार्च महीने के बीच बुवाई कर दें।
2. अगर आप तिल की खरीफ फसल कर रहे हैं तो इसे आप जून महीने के आखरी सप्ताह से जुलाई के मध्य महीने तक बुवाई कर लेनी चाहिए।
तिल के बीज की बुवाई कैसे करें
तिल के बीज (sesame seeds) की बुवाई आप छिटकवा विधि या कतारों में कर सकते हैं कतारों में बुवाई करने से यह छिटकवा विधि की तुलना में काफी अधिक उपज देती है और खरपतवार ओं को निकालने एवं गुड़ाई आदि में आसानी होती है।
कतार की दूरी 30 से 45 सेंटीमीटर तथा कतारों में पौधों से पौधे की दूरी 15 सेंटीमीटर होनी चाहिए तथा बीजों की बुवाई 2 से 3 सेंटीमीटर की गहराई में होनी चाहिए।
फसल की सिंचाई कब करें?
तिल के फसल में सिंचाई कुल पांच से छह सिंचाई की जरूरत होती है जिनमें
1. सिंचाई – बुवाई के तुरंत बाद
2. मौसम की स्थिति के अनुसार 8 से 10 दिनों के अंतराल में सिंचाई करते रहें
3. फिर जब पौधों में फूल आने लगे तब एक सिंचाई कर दें
4. इसके बाद फिर जब पौधे में फल बनने की अवस्था हो तब एक सिंचाई कर दें।
तिल के फसल की अवधि
तिल की फसल इसके किस्मों के ऊपर निर्भर करता है जिसमें कुछ जल्दी पककर तैयार हो जाते हैं तो कुछ अधिक दिनों तक लगा सकते हैं लेकिन तिल की फसल 80 से 90 दिनों के अंदर पककर तैयार हो ही जाते हैं।
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FAQ | आमतौर पर पूछे जाने वाले सवाल
गर्मियों में तिल का सेवन करने के लिए आपको थोड़ी सावधानी बर्तने की जरुरत पडती हैं क्योंकि तिल का बीज गर्म तासीर की होती जिसे बिना सावधानी बरतें या अधिक मात्रा में सेवन करने आपको नुकसान पंहुच सकती हैं सफ़ेद तिल और काला तिल दोनों ही हमारे सेहत के लिए काफी अच्छा रहता हैं और दोनों ही प्रकार के बिजो में लगभग सामान मात्रा में ही पोषक तत्व पाए जाते हैं लेकिन आयुर्वेद के अनुसार सफ़ेद तिल की तुलना में काले तिल हमारे स्वस्थ लिए काफी अच्छा होता है क्योंकि काले तिल में सफ़ेद तिल से कई गुण अधिक मात्रा में फाइबर और आयरन पाया जाता हैं जो हमारे स्वस्थ्य लिए काफी फायदेमंद होता हैं तिल का बीज sesame seeds को हिंदी में तिल का बीज कहते हैं 1. गर्मियों में तिल कैसे खाएं
और ऐसे में गर्मियों के मौशम में तिल का बीज सेवन पानी में भिगोकर सेवन करना चाहिए । ऐसा करने से शरीर हाइड्रेट बना रहता है और अंदर से ठंडक भी मिलती है। इसके अलावा तिल के बीज को आप स्मूदी या जूस में ऊपर से डालकर भी सेवन कर सकते हैं। जो आपके लिए काफी फायदेमंद साबित हो सकता हैंकाले तिल या सफेद तिल दोनों में से कौन सा हैं अच्छा
3. sesame seeds in hindi name | sesame seeds in hindi meaning
4. sesame seeds ko hindi mein kya kahate hain